दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया नारी द फाइटर एक्टिविटी का आयोजन

वक्ताओं ने प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से कॉलेज स्टूडेंट्स को किया जागृत

Meerut। वूमेंस डे वो है, जिस दिन हम प्रतिबद्ध होते हैं और वो एक दिन अन्य दिनों के लिए इंस्पायर करता है, ताकि हम जीवन में कुछ अलग कर सकें, इसलिए हमें ये दिन सेलीब्रेट करना चाहिए। इन्हीं शब्दों के साथ डॉ। अनिता मोरल ने सभी ग‌र्ल्स के साथ अपने अनुभव साझा किए। मौका था दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा एमआईईटी बिजनेस स्कूल में आयोजित नारी द फाइटर ईवेंट का। उन्होनें कहा कि कोई हमारे बारे में सोच रहा है, वूमेन डे पर ये देखना भी दिल को बहुत भाता है। इससे कहीं न कहीं हमें कुछ अलग करने की चाह जागृत होती है। इंस्पायर होते हैं। इसे हर किसी को सेलीब्रेट करना बहुत जरुरी है।

जेंडर इक्वेलिटी पर चर्चा

मेरठ कॉलेज से आई मनोवैज्ञानिक एवं करियर काउंसलर डॉ। अनिता मोरल ने कहा कि इक्वेलिटी वास्तव में क्या है। जेंडर इक्वेलिटी का मतलब ट्रीटमेंट नहीं है, इक्वेलिटी संसाधनों से होनी चाहिए। इक्वेलिटी अधिकार की होनी चाहिए, इक्वेलिटी प्रोट्क्शन बराबर मिले, इसकी होनी चाहिए। उन्होनें कहा कि महिलाओं को इक्वेलिटी की बात अगर हम करे तो हमें इक्वेलिटी में अवसर बराबर के मिलने चाहिए, इन सभी बातों में इक्वेलिटी मायने रखती है। उन्होनें कहा कि आज महिला ही महिला की दुश्मन हो रही है। हमें बंधकर आगे बढ़ना नहीं सीखा है। अगर हम बंडल में टारगेट को हिट करने का सोचेंगी तो यकीनन महिलाओं के रास्ते में आने वाली बाधाओं का बड़ा सॉल्यूशन मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम में से कुछ अक्सर बहाने बनाते हैं कि हम संसाधनों की कमी के चलते सक्सेस नहीं पा सके, लेकिन हकीकत तो ये है कि ये हमारे दिमाग की उपज है, अपनी च्वाइस है कि हमने अगर सोच लिया हम कर सकते हैं और हमारा दिल, आत्मा, दिमाग व शरीर एक ही दिशा में चलेंगे तो कुछ भी असंभव नही हो सकता है, हम चाहे तो बहुत कुछ कर सकते हैं। प्रोग्राम में कॉलेज के स्टाफ ने भी बढ़ चढ़कर योगदान दिया।

एक्सपीरियंस किए साझा

मौके पर अचार मुरब्बे से अपना बिजनेस स्टार्ट करने वाली कैंसर सर्वाइबर लवीना जैन ने बताया कि कैसे उनके व उनके पति के जीवन में अचानक से बीमारी का झटका लगा। लवीना ने बताया कि उस समय कैसे परिवार में अचानक से पहाड़ टूटा पड़ा तो उस दोनों को इलाज के लिए मुंबई जाना पड़ा था, जिसमें उनका सब बिजनेस ठप हो गया। उन्होनें बताया उन्हें पहले से ही घर से अचार आदि बनाने का शौक था। इसी के चलते उन्होनें हार न मानते हुए कैसे पति से सलाह करके 15 सौ रुपए से अचार मुरब्बा व स्क्वैश आदि बनाने का काम शुरु किया। आज उनका आचार व मुरब्बा, स्कैवश लोकप्रिय है, मेरठ नहीं बाहरी शहरों तक भी उनका नाम है।

खूब दिखा क्रेज

मौके पर एमआईईटी बिजनेस स्कूल से प्रिंसिपल डॉ। शालिनी शर्मा ने कई ऐसी महिलाओं व देश की बेटियों की सक्सेस स्टोरी के माध्यम से स्टूडेंट को मोटिवेट किया, जो विपरित परिस्थितियों में भी कैसे अपनी मेहनत, लगन व विश्वास से आगे बढ़ी और आज देश का नाम रोशन किए हुए हैं। एमआईईटी के डीन डॉ। देवेंद्र अरोड़ा ने सभी का स्वागत किया। इस मौके पर डॉ। निधि त्यागी, स्वाति शर्मा, डॉ। आशिमा कथूरिया, सलोनी, उपासना गुप्ता व डॉ। शादमा और मीडिया कोर्डिनेटर अजय चौधरी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive