स्टूडेंट्स की मानसिक व भावनात्मक भलाई को सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र सेवा केंद्र खोले जाएंगे. जिसका मुख्य उद्देश्य कमजोर व तनावग्रस्त स्टूडेंट्स की पहचान करना होगा.


मेरठ (ब्यूरो)। स्टूडेंट्स की मानसिक व भावनात्मक भलाई को सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र सेवा केंद्र खोले जाएंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य कमजोर व तनावग्रस्त स्टूडेंट्स की पहचान करना होगा। यूजीसी की ओर से इस संबंध में सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिए गए हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स की मदद के लिए सलाहकारों का होना भी जरूरी होगा। निर्देशों का अनुपालन कर सीसीएसयू में भी केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है। यहां काउंसिलिंग करने वाले टीचर्स को केंद्रों की जानकारी दी जा रही है।

देना होगा विशेष ध्यान
बता दें कि छात्र सेवा केंद्र की मद्द से स्टूडेंट्स के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य और खेल पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा एलजीबीटी छात्रों, देश के ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राओं, अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के स्टूडेंट्स पर खास ध्यान दिया जाएगा। यूजीसी का कहना है कि इसकी मद्द से छात्रों की ओर से पढ़ाई छोडऩे की दर में भी कमी आएगी। कॉलेजों की तरफ से छात्रों का फीडबैक भी लिया जाएगा। जिसके आधार पर सभी कॉलेज अपने स्टूडेंट्स के लिए रणनीति तैयार करेंगे। साथ ही केंद्रों के माध्यम से फिटनेस व खेल गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

कोविड में पड़ा प्रभाव
कोविड महामारी के आने के बाद छात्रों के भावनात्मक व मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है। जिस कारण से उन पर खास ध्यान दिया जा रहा है। यूजीसी की तरफ से पहले भी उच्च शिक्षण संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक चिंता व छात्रों की भलाई के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने को कहा गया है। जिसके तहत साल 2020 में एक टोल फ्री हेल्पलाइ नंबर 084611007 की शुरुआत की गई थी। कॉलेजों को निर्देशित किया गया था कि वे नियमित रूप से छात्रों के साथ बातचीत करते रहें।

जागरूकता की कमी
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आज भी लोगों में जागरूकता की कमी देखी जाती है। इसी कारण से लोग मानसिक तनाव को लेकर खुलकर बात नहीं करते हैं। यह भी देखा गया है कि हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए संसाधनों का भी अभाव है। वहीं, लोग इस संदर्भ में की गई बातों को नाकारात्मक रूप से लेते हैं। हालांकि आज की युवा पीढ़ी मानसिक तनाव को लेकर अधिक जागरूक है।

पहले भी बनीं हेल्प डेस्क
यूनिवर्सिटी में पहले से ही कुछ हेल्पलाइन डेस्क बनी हुई हैं। कोविडकाल में यहां पर स्टूडेंट्स को फोन कर काउंसलिंग की गई थी। अभी भी यह निरंतर जारी है। यहां तीन काउंसलर हैं जो काउंसिलिंग करते हैं। काउंसलिंग का स्तर और बेहतर करने के लिए सीसीएसयू ने इस नए छात्र सेवा केंद्र को खोलने का निर्णय लिया है।

वर्जन
आज के नौजवान सामाजिक व व्यवहारिक मुद्दों पर बात करने की जरूरत को अच्छे से समझते हैं। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए युवा उपायों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि किस प्रकार मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है।
प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive