- बाबा टिकैत ने सौंपी थी किसान घाट और कोठी की रखवाली की जिम्मेवारी

मेरठ: दिल्ली का पानी बंद करने के लिए आज किसान मुरादनगर गंगानहर पर जुटेंगे। रोडवेज के सामने अजंता होटल में प्रेसवार्ता में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 12 तुगलक रोड दिल्ली का बिजली पानी बंद कर केंद्र सरकार ने किसानों के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने रालोद सुप्रीमो अजित सिंह के आवास खाली करने से उन्हें मतलब नहीं है। सन 1987 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद किसान घाट और कोठी के लिए बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि बाबा ने कहा था कि इन स्थलों की जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन की है। किसानों को इससे मतलब नहीं है कि केंद्र सरकार ने कोठी चौधरी अजित सिंह को आवंटित कर दी। देश भर के किसानों का कोठी से लगाव किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के निवास स्थल होने से रहा है। इसी कोठी में चौधरी साहब ने अंतिम सांस ली थी। बाद में माता जी के साथ चौधरी अजित सिंह रहते रहे, लेकिन किसान आज भी उसी भावना से कोठी को देखते हैं।

किसानों की पगड़ी का सवाल है

भाकियू नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान यही समझते रहे हैं कि 12 तुगलक रोड चौधरी चरण सिंह के स्मारक स्थल के रूप में है। बिजली पानी कटने के बाद किसानों को यह पता लगा कि केंद्र सरकार इसे किसी दूसरे को आवंटित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला 1987 में ही तय हो गया था अगर इसमें कोई चूक हुई है तो यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है वह इसे ठीक करें। राकेश टिकैत ने कहा कि किसान घाट की भूमि की औपचारिकताएं छह साल बाद पूरी की गई थी।

अन्य जनपदों से भी आएंगे किसान

मथुरा, गाजियाबाद, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, राजस्थान, हरियाणा से किसान गुरुवार को मुरादनगर पहुंचेंगे। राकेश टिकैत ने कहा वहीं पर पंचायत होगी और भविष्य की रणनीति का फैसला किया जाएगा। प्रेसवार्ता में रालोद के राष्ट्रीय महासचिव मुकेश जैन, वेस्ट यूपी महासचिव राजकुमार सांगवान, राजेंद्र चिकारा, जिला अध्यक्ष यशवीर चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा, विनय मल्लापुर, भाकियू के विनोद जिटौली आदि मौजूद रहे।

बाबा टिकैत ने सौंपा था चंदन बंजारा का जिम्मा

शामली में चंदन बंजारा की पांच बीघा जमीन की जिम्मेदारी भाकियू उठा रही है। यह भूमि सरकार ने नीलाम कर दी थी। चंदन बंजारा ने चार हजार रुपये कर्ज लिया था जिस पर 12 हजार रुपये ब्याज भी दे दिया। इसके बावजूद उस पर 21 हजार का बकाया दिखा कर उसकी भूमि नीलाम कर दी। राकेश टिकैत ने कहा कि बाबा टिकैत ने कहा था कि चंदन बंजारा की जमीन उसे खेती का हक दिलाना भाकियू की जिम्मेदारी है।

Posted By: Inextlive