नहीं मिले खरीदार तो कौन चलाए मधुशाला
339 दुकानों को मंडल में नहीं मिले खरीदार
47.43 प्रतिशत घटा आबकारी विभाग का राजस्व शासन की नीतियों ने उलझी ई-लाटरी प्रक्रिया ज्यादातर देशी शराब की दुकानों को नहीं मिले खरीदार Meerut। ई-लाटरी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मेरठ मंडल की 339 शराब दुकानों को खरीदार नहीं मिले है वहीं 47.43 प्रतिशत राजस्व का फटका आबकारी विभाग को लग रहा है। ज्यादातर देशी शराब की दुकानों की बिक्री नहीं हो सकी है। सिंडीकेट खात्मे के बाद पहली बार ई-लाटरी प्रक्रिया के तहत ठेकों का आवंटन हो रहा है। जानकारों की माने तो शराब कारोबारियों को घाटे का डर सता रहा है। 5,30,97,912 रुपये-मंडलभर से शराब की बिक्री से प्राप्त आय 2,51,84,448 रुपये-मंडलभर से शराब की दुकानों की बिक्री से प्राप्त आय 52.57 प्रतिशत-प्राप्त हुई आय का प्रतिशत 40 फीसदी दुकानें खालीजनपद कुल दुकानें खाली दुकानें
मेरठ 397 68
बागपत 176 71बुलंदशहर 405 40
गाजियाबाद 502 92 हापुड़ 244 18 गौतमबुद्ध नगर 483 50 ----------------------- कुल 2207 339 बिक्री कम, कोटा ज्यादा ज्यादातर देशी शराब की दुकानों को खरीदार नहीं मिले हैं। ये वे दुकानें हैं जिनकी बिक्री कम है जबकि उनका कोटा अधिक है। आंकड़ों पर गौर करें तो दुकानदार देशी शराब की दुकान का 25 फीसदी कोटा तो एडजस्ट कर सकता है किंतु इससे कम बिक्री होने पर घाटा मिलता है, लिस्ट में शामिल कई देशी शराब की दुकानें ऐसी हैं जो पिछली सालों में कोटे का महज 40 फीसदी ही बिक्री कर पाई हैं। नहीं समझ में आई प्रक्रियाप्रथम बार ऑनलाइन ई-लाटरी सिस्टम शराब दुकानदारों की समझ में नहीं आया। इसके अलावा हैसियत प्रमाणपत्र की बाध्यता के चलते भी आम कारोबारी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाया।
शासन तय करेगा दो चरण की ई-लाटरी प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद भी मेरठ मंडल की 339 शराब की दुकानों की बिक्री नहीं हो सकी है। 1 अप्रैल से नई दुकानों का संचालन आरंभ हो जाएगा तो वहीं शेष बची दुकानों की बिक्री के लिए शासन को फैसला लेना है। मेरठ मंडल की 339 दुकानों की एक भी आवेदन न आने से बिक्री नहंीं हो सकी है। शासन के निर्देश पर शेष शराब की दुकानों की बिक्री होगी। धीरज सिंह, उप-आयुक्त, आबकारी, मेरठ मंडल