शहर में जर्जर बिजली के पोल खतरनाक हो चुके हैं। अब चाहे इंसान हो या फिर जानवर बिजली के खुले तार और जर्जर पोल जान के दुश्मन बन गए हैं। बावजूद इसके बिजली विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

मेरठ ब्यूरो। तीन दिन पहले हापुड़ रोड पर जर्जर बिजली का खंभा एक युवक पर गिर गया था। इससे युवक बुरी तरह झुलस गया था। करंट के कारण युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। वहीं जनवरी माह में सदर बाजार में दो गायों की मौत बिजली के खंबे में करंट के कारण हो गई थी। इससे पहले भी अक्टूबर माह में लावड़ में बिजली के तार में करंट उतरने से एक मासूम की मौत हो गई थी। ऐसे कई हादसे हो गए हैं। बावजूद इसके, बिजली विभाग की अंडर ग्राउंड केबिल योजना पूरी तरह परवान नही चढ़ पा रही है।
अधर में योजना
हालत यह है कि पीवीवीएनएल की शहर में 954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन को भूमिगत करने की योजना भी अभी अधर में अटकी हुई है। हालांकि, इसके लिए विभाग का सर्वे और करीब 92 करोड़ रुपये का बजट दोनो हैं।

जर्जर झुके हैं पोल
पुराने शहर की तंग गलियों में बिजली के खंभों की हालत अत्याधिक खराब है। ऐसी कोई गली या मोहल्ला नहीं होगा। जहां जर्जर या झुके हुए बिजली के खंभे ना दिख जाएं। इन खंभों को देखकर यह लगता है कि किसी भी समय गिर सकते हैं। वहीं इससे भी बुरी स्थिति यह है कि शहर के अंदर संकरी गलियों में बने बिजली के पोल पर सैकड़ों बिजली के तारों का जाल बुना हुआ है। इस जाल के कारण आए दिन बिजली के तारों में शार्ट सर्किट से आग जैसी घटनाएं आम सी बात हैं। बरसात में इन तारों के उलझे जाल के कारण पूरे खंभे में करंट उतर आता है। लेकिन विभाग को इसकी फिक्र नही है।

लकड़ी की बल्लियों पर तार
वहीं, शहर के कई ऐसे इलाके भी हैं जहां रिहायशी इलाके के बीचों बीच घरों के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की लाइन गुजर रही है। नीचे गलियों में बल्लियों पर एचटी लाइन गुजर रही है। वह भी किसी एक या दो गली में नही बल्कि पूरी-पूरी कालोनी बल्लियों पर बिजली के तार से रोशन हो रही है। शहर के शिवशक्ति नगर, भोपाल विहार आदि इलाकों में बल्लियों से बिजली आपूर्ति होती है। यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं, लेकिन बिजली विभाग की अनदेखी जारी है।

हवा में लटक रहे तार
हवा में लटकते बिजली के तार और बिजली पोल के लोड को कम करने के लिए विभाग ने अक्टूबर में अंडरग्राउंड बिजली तार बिछाने की योजना बनाई थी, लेकिन योजना अधर में अटकी हुई है। इस योजना के तहत पीवीवीएनएल की लगभग1500 किमी भूमिगत लाइन डालने का प्लान बनाया था। इस योजना में एलटी, एचटी और 33 केवी लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। अंडरग्राउंड करने पर प्रति किमी लगभग 70 लाख से एक करोड़ तक अनुमानित खर्च आएगा। इस योजना के तहत मेरठ में करीब 954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाना है। जिसके लिए विभाग ने करीब 92 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। इसमें 185 एमएम, 240 एमएम और 300 एमएम मोटाई के भूमिगत केबल डाले जाएंगे क्योंकि इनकी लाइफ 15 से 20 साल तक होती है। जबकि खुले तार पांच से आठ साल में खराब हो जाते हैं।

जरूरी है अंडर ग्राउंड लाइन
हापुड रोड, वैली बाजार, गुदड़ी बाजार, लाला का बाजार, सराफा बाजार स्थित नील गली, कैंचीयान, घंटाघर, खैरनगर, कबाड़ी बाजार, कोटला, अनाज मंडी, कागजी बाजार, शीश महल, डालमपाड़ा, सराय लाल दास, मकसूद अली चौक, प_ा मोहल्ला, किशन पुरी, केसरगंज, जलीकोठी, दालमंडी, पूर्वा महावीर आदि

अंडरग्राउंड केबिल के लिए पुराने शहर में लगातार सर्वे जारी है। कई क्षेत्रों में अंडर ग्राउंड लाइन का काम पूरा किया जा चुका है। बाकी क्षेत्रों में जल्द काम शुरु होगा।
- राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता

Posted By: Inextlive