जनप्रतिनिधियों को शहर न छोड़ने का दिया गया था नोटिस

- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेई ने जताई आपत्ति

Meerut । दिल्ली हिंसा और बीती 20 दिसंबर को हुई मेरठ में हिंसा के मद्देनजर पुलिस ने जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक कराने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए थे, लेकिन उनमें से एक कदम खाकी के गले की फांस बन गया है। दरअसल, पुलिस ने जनप्रतिनिधियों को नोटिस जारी किया था कि वे शुक्रवार को शहर ना छोड़कर न जाएं। वहीं नोटिस भेजने के मामले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेई ने एसएसपी अजय साहनी से नाराजगी जताई। वहीं एसएसपी ने ऐसे किसी भी नोटिस से इंकार किया। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।

क्या है मामला

गौरतलब है कि बीती 20 दिसंबर को जिले में हुई हिंसा के दौरान पुलिस-प्रशासन ने अमन-शांति में सहयोग के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों को टटोला था। तो इस दौरान कई जनप्रतिनिधि जिले से बाहर थे। फिलहाल, सीएए को लेकर दिल्ली और अलीगढ़ में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने असंवैधानिक तरीके से मनमानी करते हुए जिले के जनप्रतिनिधियों को भी शहर में ही रहने की ताकीद की थी। हालांकि बाद में एसएसपी ने इस तरह का नोटिस न देने की बात कही।

Posted By: Inextlive