जल में गंगाजल डालकर उसमें तुलसी का पत्ता एवं चार चुटकी काले तिल डालकर अपने समस्त पितृों का आह्वान करें

Meerut। तर्पण से पूर्व जल में गंगाजल डालकर उसमें तुलसी का पत्ता एवं चार चुटकी काले तिल डालकर अपने समस्त पितृों का आह्वान करें। ज्योतिष भारत ज्ञान भूषण के अनुसार अपना नाम, पिता व दादा का नाम, गोत्र व पता बोलकर दाएं हाथ की हथेली पर जल देते हुए दक्षिण की तरफ अंगेठा करके तिलांजली अíपत करते हुए अपने पितृों को तृप्त व तुष्ट करें।

भोजन कराते समय रखें ध्यान

श्री विल्वेश्वरनाथ संस्कृत महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ। दिनेश दत्त शर्मा के अनुसार किसी भी प्रकार का शोर न हो रहा हो, दक्षिण दिशा की ओर काले तिल चारों ओर बिखेर कर श्रद्धापूर्वक पवित्र मनुष्य को श्राद्ध भोजन इस रुप में कराए कि आपके पितृ उनके माध्यम से भोजन ग्रहण कर सकें। भोजन स्टील व मिट्टी के बर्तन में न कराएं अन्यथा पिशाच भोजन ग्रहण करते हैं। श्रेष्ठ पात्र, तांबा, पीतल, चांदी व केले के पत्ते इसके लिए इस्तेमाल करें।

पितृों को प्रिय है ये पदार्थ

पितृों को फलों में अनार, अनाज में मूंग, चावल, गेहूं, सब्जी में घिया, लौकी, तुरई प्रिय होते हैं। हमारे पूर्वजों को अपने जीवन में जो प्रिय पदार्थि हो, उसे श्राद्ध में भोजन अर्पित करें।

पितृों के लिए वíजत पदार्थ

ज्योतिष भारत ज्ञान भूषण के अनुसार राजमा, अरहर, मसूर, चना, गाजर, कुम्हड़ा, भेलिया, गोल लौकी, शलगम, बैंगन, प्याज, लहसुन, मांसाहार, हींग, काल नमक, काला जीरा, जिस भोजन में होंगे, उसे पितृ गहण नहीं करते हैं। अत: तर्पण व श्राद्ध में रखे पितृों का ध्यान तथा पाए पित्रों की तुष्टि-पुष्टि व प्राप्त करें और उनका आशीर्वाद लें।

Posted By: Inextlive