दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की ड्रोन से वीडियोग्राफी
एनएचएआइ कराएगा वीडियोग्राफी ताकि कहीं कमी मिलने पर सुधार कराया जा सके
कार्यदायी कंपनियां छिपाती हैं कमी इसलिए स्थलीय निरीक्षण के रूप में निकाला तरीका Meerut। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और एनएच-334 समेत अन्य जिलों के हाईवे में बारिश की वजह से कटान होने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने बड़ा कदम उठाया है। जिससे भविष्य में कोई कमी न दिखाई दे। कार्यदायी कंपनियां कमियों को न छिपाएं इसलिए अब प्रत्येक माह इनकी वीडियोग्राफी होगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे समेत सभी हाईवे की वीडियोग्राफी ड्रोन से होगी। एनएचएआइ ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। जल्द ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। देख-रेख व मरम्मतगौरतलब है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को तैयार करने वाली कंपनी ही चार साल तक इसकी देख-रेख व मरम्मत करेगी। इसी तरह से हाईवे प्रोजेक्ट के साथ भी होता है। ऐसे में यह संभावना रहती है कि कमी दिखाई देने पर कार्यदायी कंपनी उसके बारे में एनएचएआइ को सूचना नहीं देतीं। या फिर पूछे जाने पर छिपा लेती हैं या कम करके बताया जाता है। लेकिन जब मामला मंत्रालय तक शिकायत के रूप में पहुंचता है तब किरकिरी एनएचएआइ की होती है। दरअसल, एक्सप्रेस-वे व सभी हाईवे की निगरानी व सुविधाएं बरकरार रखवाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की होती है। जवाबदेही कार्यदायी कंपनी के बजाय एनएचएआइ की होती है। इसलिए एनएचएआइ ने स्थलीय निरीक्षण का यह उपाय निकाला है।