नशे के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

श्रीराम प्लाजा के पास घोसी मोहल्ले में गोदाम से गांजा, चरस और भांग बरामद

सरगना मौके से फरार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को दी गई जानकारी

Meerut। शहर में ड्रग्स का धंधा भी खूब फल फूल रहा है। एएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने नशे के चार सौदागरों को दबोच लिया। पुलिस ने शहर में ड्रग्स के धंधे का पर्दाफाश किया। हालांकि, पुलिस की छापेमारी से पहले ही दोनो सरगना मौके से भाग गए। उनके तार कई राज्यों से जुड़े हैं। गोदाम से 28 किलो गांजा, चार किलो चरस और 220 किलो भांग बरामद की गई। मामले की जानकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भी दी गई है। यहां से कई राज्यों में नशीला पदार्थ सप्लाई किया जा रहा था।

घोसी मोहल्ले पर मारा छापा

एएसपी इरज राजा के मुताबिक शनिवार को मुखबिर ने एक घर में ड्रग्स की सूचना दी थी। इसके आधार पर ही लालकुर्ती थाने के घोसी मोहल्ले में मूलचंद के मकान पर छापा मारा। एसओ लालकुर्ती रवेंद्र पलावत की टीम भी साथ थी। यह मकान पाबली खास मोदीपुरम के सतेंद्र और मवाना के राजू ने किराए पर ले रखा था। मकान को गोदाम बनाकर नशे का धंधा चलाया जा रहा था।

मकान में चल रही थी पैकिंग

पुलिस के मुताबिक गोदाम के अंदर चरस, गांजा और भांग की पै¨कग चल रही थी। पुलिस ने रतन कुमार निवासी खसौरा हरदोई, राजकुमार निवासी सुभाष नगर सिविल लाइन, जुगल निवासी जामुन मोहल्ला लालकुर्ती और मोनू यादव निवासी शक्ति नगर दिल्ली रोड को पकड़ लिया। पुलिस के छापे के दौरान सतेंद्र और राजू चौहान भाग गए। आरोपियों ने बताया कि सतेंद्र और राजू ही नशे का धंधा चला रहे हैं। उनका काम नशीले पदार्थ की पै¨कग करना और आर्डर पहुंचाना है। सतेंद्र और राजू के बागपत और मेरठ में शराब और भांग के कई ठेके हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों का चालान कर दिया। सतेंद्र और राजू की धरपकड़ को टीमें लगा दी गई हैं।

लाइसेंस होगा निरस्त

एएसपी ने बताया कि सतेंद्र और राजू के शराब और भांग के ठेकों के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई के लिए आबकारी विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। दोनों आरोपी ठेके की आड़ में प्रतिबंधित नशे की खेप सप्लाई करते थे। पुलिस उनके पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है। हर सप्ताह बाहर से नशे का सामान उनके गोदाम पर उतरता था। यहां से शहर एवं अन्य राज्यों को सप्लाई दी जाती थी।

सतेंद्र के साले सतीश को छोड़ा

पुलिस ने मौके से सतेंद्र के साले सतीश निवासी शामली को भी पकड़ा था। उसे थाने लाने के बाद छोड़ दिया गया। सूत्रों के अनुसार सतेंद्र की पहुंच कई राजनीतिक नेताओं तक है। सतेंद्र ने पुलिस पर दबाव बनाकर सतीश को छुड़वा लिया है। इसपर एएसपी का कहना है कि सतीश दवाई लेने आया था। वह छापे के समय सतेंद्र से मिलने गोदाम पर आ गया। उसका इस धंधे से कोई वास्ता नहीं है।

होगी सख्त कार्रवाई

वहीं ज्वाइंट कमिश्नर राजेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जिले में भांग की 12 दुकानें हैं। यदि इस तरह की शिकायत है, तो दुकानों की जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर अनुज्ञापी के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी कराया जाएगा। इसके अलावा उसकी दुकान का लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।

किरायेदार का सत्यापन क्यों नहीं

शनिवार को गांजे के जो कारोबारी पकड़े गए हैं, वे इलाके में किराये के एक फ्लैट में रह रहे थे। जाहिर है, किरायेदार का सत्यापन नहीं कराया गया था। किराये पर जगह लेकर गैरकानूनी काम करने के मामले जब-तब सामने आते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है कि किरायेदार रखने से पहले पुलिस वैरीफिकेशन कराया जाए।

पहले भी पकड़ा गांजा

13 नवंबर 2019

नौचंदी पुलिस ने गांजे की बड़ी खेप पकड़ी हैं, जो ओडि़सा से आगरा के रास्ते ट्रक में मेरठ लाई जा रही थी। पुलिस ने तीन को गिरफ्तार कर लिया है।

12 नवंबर 2019

सदर बाजार पुलिस ने बीएसएफ जवान के बेटे को चरस की खरीदारी करते रंगेहाथ पकड़ लिया। वह और उसका एक साथी मछेरान में रहने वाले सौदागर तस्लीम से चरस की खरीदारी करने आए थे।

5 अक्टूबर 2019

कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के श्रद्धापुरी सेक्टर-4 में केंद्रीय जीएसटी की टीम ने छापामारी कर एक मकान से भांग, गांजा समेत करीब 5 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद किया था।

14 जुलाई 2019

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सरूरपुर के भूनी चौराहे से दो तस्करों को 235 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया।

Posted By: Inextlive