डॉक्टर्स की कमी हो दूर, सुधरे व्यवस्था
मिले बेहतर सुविधाएं, बढ़े बजट, मरीजों को मिले सहूलियत
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून व्यवस्था भी ठीक हो Meerut। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर डॉक्टरों की भारी कमी ने सेहत का संकट बढ़ा दिया है। सरकारी अस्पतालों में दवाएं खरीदने का बजट नहीं हैं। ऐसे में आगामी बजट से सरकारी व प्राइवेट दोनों तरह के डॉक्टर्स को विशेष उम्मीदें हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि सरकार चिकित्सकों व मरीजों के लिए कई योजनाएं ला रही है। यह है समस्या मरीजों की लगातार बढ़ती तादाद के सापेक्ष हर बार बजट बेहद कम मिलता है। यह है तस्वीर मेडिकल कॉलेज में 20 प्रोफेसर समेत 42 चिकित्सकों की कमी। सीएमओ के अधीन 181 के सापेक्ष 154 डॉक्टर हैं लेकिन 27 की कमी। प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में डाक्टरों के 77 में से 37 पद खाली।स्वास्थ्य विभाग के ड्रग स्टोर में 442 दवाओं के सापेक्ष महज 169 ही हैं उपलब्ध।
सरकारी एंबुलेंस की संख्या - 65 बच्चों का टीकाकरण - 32 फीसदी मेडिकल कॉलेज में 1,060 बेडों का है अस्पताल। मेडिकल कॉलेज में हर माह करीब 15 हजार मरीज होते हैं भर्ती। मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी का एक भी डाक्टर नहीं है उपलब्ध।जिला अस्पताल में न्यूरो, यूरो, नेफ्रो, कॉर्डियो, प्लास्टिक सर्जन एक भी नहीं।
यह हैं उम्मीदें प्राइवेट अस्पतालों ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने एवं क्लीनिक इस्टेबलिशमेंट एक्ट हटाने की मांग की है। कानून व्यवस्था दुरुस्त रहे तो मेरठ में भी दिल्ली एवं मुंबई जैसा हाइटेक इलाज मिलेगा वो भी बेहद सस्ता। न्यूरो, यूरो, हार्ट, गुर्दा, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, आईवीएफ तकनीक एवं कैंसर चिकित्सा एवं प्लास्टिक सर्जरी के डेवपलपमेंट के लिए सरकार के सहयोग की आवश्यकता है। पैथ लैब, रेडियोडायग्नोस्टिक वैक्सीन व दवाओं के लिए ज्यादा बजट की जरूरत है। मरीजों की अपेक्षा बजट कम हैं। सरकारी सुविधाओं को बूस्टअप की जरूरत है। डॉ। राजकुमार, सीएमओ सरकारी चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त होगी तो प्राइवेट सेक्टर पर लोड कम होगा। कई पदों पर नियुक्ति जरूरी है। मरीजों के लिए बेहतर सुविध्ाएं मिले। डॉ। अजीत चौधरी, प्रमुख अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में चिकित्सा के मानकों की गुणवत्ता तय करने पर जोर देना होगा। सरकारी डॉक्टर्स के लिए सहूलियतें बढे़ व मरीजों को भी बेहतर सुविधाएं मिलें। डॉ। पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कानून में इंप्लीमेंट हो। प्राइवेट डॉक्टर्स के लिए सरकार मदद दें ताकि वह मरीजों को और अधिक सुविधाएं दे सकेंडॉ। वीरोत्तम तोमर, पूर्व आईएमए अध्यक्ष