कोरोना काल में एजुकेशन सिस्टम में आई व्यापक स्तर पर तब्दीलियां

टेक्नोलॉजी से एजुकेशन को मिली नई दिशा, कई साल आगे बढ़ा सिस्टम

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनियाभर में बदलाव कर दिए हैं। खाने-पीने से लेकर लाइफ स्टाइल तक, हर चीज के तौर-तरीके में बड़े व्यापक बदलाव हुए हैं। एजुकेशन सिस्टम तक इससे अछूता नहीं रहा है। फिजिकल क्लासेस की जगह वर्चुअल क्लासेज ने ले ली। बोर्ड की जगह ज़ूम और गूगल मीट बच्चों को पढ़ाने का साधन बन रहे हैं। स्कूल संचालकों के कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से शिक्षा पद्धति का अलग ही तरीका सामने आया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से मंगलवार को आयोजित वेबिनार में स्कूल संचालकों ने कोरोना काल मे बदली शिक्षा व्यवस्थाओं पर व्यापक स्तर पर चर्चा की। इस दौरान सभी ने एक मत होकर कहा कि एजुकेशन सिस्टम को नई दिशा मिली है। हालांकि इसमें कई बड़ी चुनौतियां है, जिन पर काम करना बाकी है। मगर वर्चुअल मोड से एजुकेशन में तमाम तब्दीलियां आई हैं।

ये हुए बदलाव

स्कूलों के एक-दूसरे के साथ आपसी संबंधों में सुधार हुआ है। यूनिटी बढ़ी है।

एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च और क्वालिटी को बढ़ाया गया है।

पेरेंट्स और टीचर्स के बीच में संवाद स्थापित हुआ है।

सभी ने अपने आप को ऑनलाइन फॉरमेट में ढाला है।

फीस जैसे मुद्दों पर स्कूलों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि पेरेंट्स और स्कूलों के बीच नजदीकियां भी बढ़ी है।

पॉजिटिव एटीट्यूड बढ़ा है।

सीखने की कपैसिटी बढ़ी है।

बॉडी लैंगुएज पूरी तरह से सकारात्मक हुआ है।

आर्ट ऑफ टीचिंग इनहेंस हुई है।

पुराने टीचर्स ने खुद को टेक्नोलॉजी से लैस किया है।

स्टूडेंट्स की शिक्षा और भविष्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े इसके लिए स्कूलों और टीचर्स ने खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाला है।

कोरोना पैनडेमिक में एजुकेशन सिस्टम पूरी तरह से बदल गया है। नए बदलाव को अपनाने में काफी मेहनत लगी है, लेकिन अब इसमें टीचर्स और स्टूडेंट्स को भी मजा आने लगा है। ये प्लेटफॉर्म धीरे-धीरे अब सबने अपना लिया है। कोरोना के दौर में शिक्षा भी पूरी तरह से वर्चुअल हो गई है।

अशिम कुमार दुबे, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

ऑनलाइन एजुकेशन में पहले स्कूल टेक्नोलॉजी में रॉ थे। कोरोना काल में नई व्यवस्था बनी और अब सब टेक एक्सपर्ट हो गए हैं। न्यू टेक्नोलॉजी पूरी तरह से अडॉप्ट कर चुके हैं। इस कोरोना काल ने नई चीजें सिखाई हैं। गूगल से ज़ूम पर आ गए हैं। जो भी नई टेक्नोलॉजी आ रही है, उसे अपना रहे हैं

प्रेम मेहता, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल

कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्थाओं के आयाम बदल गए हैं। एजुकेशन, इवेल्युएशन, असाइनमेंट, असेस्मेंट, रिजल्ट डिक्लेरेशन तक पूरी तरह से चेंज हुए हैं। टेक्नोलॉजी को अपडेट किया गया है। टीचर्स ने खुद को टेक-फ्रेंडली किया है। पेरेंट्स और स्टूडेंट्स ने भी इस बदलाव को अपनाया है

राहुल केसरवानी, सचिव, सहोदय संस्था

पैनडेमिक ने हर चीज पर असर डाला है। एजुकेशन की बात करें तो इसमें अलग तरह की क्रांति हुई है। इनोवेशंस हुए हैं। स्कूलों और पेरेंट्स मिलकर ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए एक-एक बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। गांव में 8 से 10 बच्चों का ग्रुप बनाकर क्लासेस अरेंज करवाई जा रही हैं।

धीरज आर्या, प्रिंसिपल, ट्रांसलेम अकादमी

कोरोना पैनडेमिक के तहत स्कूलों में टीचर्स ने खुद को टेक्नो-फ्रेंडली किया है। आपदा को अवसर में बदला गया है। ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए शिक्षा को सरल और सभी तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की गई है।

विभा गुप्ता, प्रिंसिपल, शांति निकेतन विद्यापीठ

कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था को पहले जैसा बनाने के लिए पूरा पैटर्न चेंज किया गया है। ऑनलाइन एजुकेशन को बल मिले, इसके लिये पेरेंट्स और टीचर्स के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करने की कोशिश की गई है। हर पेरेंट्स से अलग-अलग बात की और बदली व्यवस्था को ठीक से लागू किया गया।

प्रीति मल्होत्रा, प्रिंसिपल, द आर्यस स्कूल

कोरोना पैनडेमिक में टीचर्स ने सबसे ज्यादा खुद को अपडेट किया है। हर स्टूडेंट को उसकी सहूलियत के हिसाब से क्लासेस देने की कोशिश की गई है। टाइमिंग से लेकर पढ़ने-पढ़ाने के तरीके तक में बदलाव हुआ है। टेक्नोलॉजी ने एजुकेशन को विस्तार दिया है।

गीतिका गुप्ता, डायरेक्टर, पीजीएम इंटरनेशनल स्कूल

कोरोना काल में पूरे एजुकेशन पैटर्न पर प्रभाव हुआ है। बोर्ड स्टूडेंट्स के लिए वर्चुअल टूर आयोजित किए गए हैं। स्कूल एलुमिनाइज का ग्रुप तैयार किया गया है। उनके जरिए स्टूडेंट्स को हर संभव तरीके से अपडेट करने की कोशिश की गई है। ताकि उनके फ्यूचर पर कोई प्रभाव न पड़े।

अनुपमा सक्सेना, प्रिंसिपल, गार्गी ग‌र्ल्स स्कूल

कोरोना पैनडेमिक ने एजुकेशन को पूरी तरह बदल दिया है। पढ़ने-पढ़ाने के तौर तरीके बदल गए हैं। टेक्नोलॉजी ने विस्तार लिया है। इनोवेशंस हुए हैं और अब हम ज्यादा रिसर्च कर पा रहे हैं। अपडेट एजुकेशन बच्चों के लिए प्रोवाइड की जा रही है। क्वालिटी एजुकेशन को मेंटेन करने की पूरी कोशिश की जा रही है।

संगीता रेखी, प्रिंसिपल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल

Posted By: Inextlive