-विभाग ने माना मीटर रीडर ही करते हैं बिलिंग में बड़ा खेल

-बिल निर्माण के समय उपभोक्ता से की चौकन्ना रहने की अपील

Meerut: बिजली मीटरों से छेड़छाड़ से आजिज आ चुके बिजली विभाग ने अब बिजली चोरी पर लगाम कसने का एक नया फॉर्मूला निकाला है। विभाग ने उपभोक्ताओं को जागरुक करते हुए बिलिंग के समय चौकन्ना रहने की अपील की है। साथ ही विभाग ने मीटर टेंपरिंग आदि मामलों में डिफाल्टर उपभोक्ताओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।

क्या है मामला

असल में बिजली विभाग के ही कुछ कर्मचारी उपभोक्ताओं को कम बिल बनाने का लालच देकर मीटर से कम रीडिंग लेते हैं और उसी के आधार पर बिल बना देते हैं। कम बिल आने पर उपभोक्ता न केवल इसको किफायती प्रक्रिया मान बैठता है, बल्कि उनकी रजामंदी से बिलिंग की यह प्रक्रिया सालों साल चलती रहती है। लेकिन सच यह है कि मीटर रीडर द्वारा उठाई गई रीडिंग के अलावा बची शेष रीडिंग हर बार मीटर में स्टोर होती रहती हैं। इसका पता तब चलता है जब शक या शिकायत होने पर विभाग की ओर से मीटर चेक किया जाता है और रुकी हुई कुल रीडिंग्स का मोटा बिल बनकर उनके हाथ में आ जाता है। मोटा बिल आने के बाद न केवल विभाग उपभोक्ताओं से इसकी वसूली करता है, बल्कि बिल न भरने पर कभी-कभी उनका कनेक्शन भी काट दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता अपने आप को ठगा महसूस करता है।

केस मिला तो होगी कार्रवाई

चोरी पकड़ो अभियान के अंतर्गत पकड़ में आए सैकड़ों मामलों को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं को जागरुक बनाने का निर्णय लिया है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक तकनीकि आलोक वर्मा की ओर से जारी पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बिलिंग के समय उपभोक्ता को मीटर रीडर की एक्टीविटी व प्रिंट बिल पर आई रीडिंग और मीटर में शो हो रही रीडिंग का मिलान कर लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो इसकी जानकारी तभी विभाग के टोल फ्री नंबर पर दें। डायरेक्टर तकनीकि के मुताबिक ऐसे कर्मचारी पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी, बल्कि स्टोर्ड रीडिंग का मामला पकड़ में आने पर संबंधित उपभोक्ता पर कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive