ब्लैक फंगस ने बढ़ाई मुश्किल, सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी

स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात, मेडिकल में भी मरीजों पर नजर

Meerut। कोरोना महामारी से जंग की तैयारियां अभी पूरी भी नहीं हुई कि मरीजों पर ब्लैक फंगस का साया डबल चुनौती लेकर आ गया है। मेरठ में फंगस के दो केस मिलने के बाद सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस बाबत कार्य योजना बनाने में जुट गई हैं। मेडिकल कॉलेज में एडमिट मरीजों को लेकर भी खास नजर रखी जा रही है।

मरीजों के लिए खतरा

डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में दिए जा रहे स्टेरॉयड की वजह से मरीजों में शुगर लेवल बढ़ जाता है। शुगर बढ़ने की वजह से ऐसे मरीज जिनमें पहले से ही ब्लड कैंसर, किडनी रोग, डायबिटीज, कैंसर किडनी-बोनमैरो ट्रांसप्लांट या अन्य दूसरी गंभीर बीमारी वाले मरीजों में इसके होने के चांस कई गुना बढ़ रहे हैं। ऐसे मरीजों को लेकर अब अधिक सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

बीमारी पुरानी, उभर रही

मेरठ मेडिकल कॉलेज में आंख रोग विशेषज्ञ डॉ। लोकेश बताते हैं कि ये कोई नई बीमारी नहीं है। अभी अचानक से ये सामने आ गई है। ये फंगस मरीजों की आंखों की रोशनी छीनने के अलावा उनके दिमाग, फेफड़े या स्किन को प्रभावित कर सकता है। ब्लैक फंगस इंफेक्शन से प्रभावित मरीज की आंख और पलकों पर सूजन, दर्द के साथ धुंधला या दोहरा दिखाई देना जैसे लक्षण आने शुरू हो जाते हैं। मरीज की आंख की रोशनी भी जा सकती है। इसके अलावा सीने में दर्द, सांस में परेशानी, नाक के पास लालिमा हो जाना जैसे लक्षण भी उभर आते हैं।

अनदेखी और लापरवाही

डॉक्टर्स का कहना है की ब्लैक फंगस की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। जिले में एडमिट कोरोना के सभी मरीजों में इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। मरीज की नाक काली होने पर तुरंत ही इसकी जांच और इलाज मुहैया करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस, म्यूकर नामक फंगस की वजह से होती है। डॉक्टर्स के अनुसार ये फंगस वातावरण में ही होता है। नाक और आंख से होते हुए दिमाग तक पहुंच जाता है। संक्रमण दिमाग में पहुंच जाने से दिमाग का अगला हिस्सा अंदर से सूज जाता है। वही मरीज की आंखें काली पड़ने लगती हैं। डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि कोरोना में प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर यह तेजी के साथ एक्टिव हो रहा है।

शुगर पेशेंट्स रखें ख्याल

मेडिकल कॉलेज में सर्जन डॉ। धीरज राज बताते हैं कि कोरोना के मरीजों को स्टेरॉयड देने से शुगर बढ़ जाती है। ब्लैक फंगस ग्लूकोज की वजह से तेजी से उभर सकता है। खासतौर से शुगर के मरीजों में इसका खतरा ज्यादा है। ब्लैक फंगस नाक के जरिए बलगम में मिलकर दिमाग तक पहुंचता है। नाक बंद होना, नाक में काले व भूरे रंग की पपड़ी जम जाना, मरीज के ऊपर वाले होठों का सुन्न होना व आंखों का लाल होने पर तुरंत ही इसकी जांच जरूरी है।

ब्लैक फंगस के केस अब सामने आने लगे हैं। रिकवर होने और गंभीर रोगों से पीडि़त व्यक्ति को खास ध्यान देने की जरूरत है। इंफेक्शन का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ। विश्वजीत बैंबी, सीनियर फिजिशियन

शुगर लेवल बढ़ने पर ब्लैक फंगस इंफेक्शन से प्रभावित होने की आशंका अधिक होती है। मेडिकल में अभी इस तरह के केस सामने नहीं आए हैं। हमने अलर्ट जारी किया है।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive