जिले में हर 20वां व्यक्ति हुआ संक्रमित, सीरो सर्वे में खुलासा

3525 लोगों की बॉडी में कोरोना वायरस के प्रति एंटी बॉडी पाई गई प्रदेश में

16 हजार लोगों पर सर्वे किया गया था प्रदेशभर में

4 से 8 सितंबर तक चला था जिले में सर्वे

288 लोगों में एंटी बॉडी मिली है जिले में

1440 सैंपल का लक्ष्य रखा गया था जिले में

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण से जिले में करीब-करीब हर 20वां व्यक्ति कभी न कभी संक्रमित हो चुका है। ये खुलासा प्रदेश में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट से हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेशभर में 3525 लोगों की बॉडी में कोरोना वायरस के प्रति एंटी बॉडी पाई गई है। प्रदेशभर के कुल 16 हजार लोगों पर हुए सर्वे में उन लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने कभी भी कोविड-19 की जांच या इलाज नहीं करवाया था। ये सर्वे जिले में 4 सितंबर से 8 सितंबर तक चला था। जिले में करीब 288 लोगों में एंटी बॉडी मिली है।

1440 सैंपल का लक्ष्य

कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों में हर्ड इम्युनिटी डेवलप को लेकर क्या स्थिति है ये जानने के लिए जिले में 1440 सैंपल का लक्ष्य रखा गया था। इसमें सभी आयु वर्ग के लोगों को सलेक्ट कर रैंडम सैंपलिंग की गई थी। प्रदेश सरकार की पहल पर 11 जिलों को इसमें शामिल किया गया था। जिसमें मेरठ, लखनऊ, बागपत, गाजियाबाद, मुरादाबाद, प्रयागराज, वाराणासी, गोरखपुर, कानपुर, कौशांबी शामिल थे। इन सैंपल्स को जांच के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवíसटी (केजीएमयू) लखनऊ भेजा गया है। इस दौरान मरीजों में कोरोना वायरस के अलावा हेपेटाइटिस बी व सी को लेकर एंटी बॉडी की स्थिति जानने के लिए भी सैंपल लिए गए थे।

ऐसे लिए गए सैंपल

जिले में 4 सितंबर को पहले दिन 12 टीमों ने 12 क्षेत्रों से 384 सैंपल लिए।

दूसरे दिन 13 टीमों ने 416 सैंपल लिए।

तीसरे दिन नौ टीमों ने 288 सैंपल लिए।

चौथे दिन 300 सैंपल लिए गए।

पांचवे दिन आठ टीमों ने 52 सैंपल लिए।

पांच दिन में 1440 सैंपल लिए गए।

सर्वे के लिये क्षेत्रों में 13 टीमों ने 45 क्षेत्रों में रेंडमली लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। जिसमें पांच वर्ष से 59 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के सैंपल लिए गए।

ये है सीरोलॉजिकल सर्वे

सीरोलॉजिकल सर्वे से लोगों में प्रतिरोधक क्षमता के स्तर का पता लगाया जाता है। जांच में खून में मौजूद एंटी बॉडीज की पहचान की जाती है। इसके लिए सैंपल्स का एलिसा यानी एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसबेंट ऐजे टेस्ट किया जाता है। इससे पता लगाया जाता है कि मनुष्य के शरीर में बीमारी से लड़ने के लिए एंटी बॉडीज विकसित हुई हैं या नहीं।

एसिंप्टोमेटिक यानी लक्षण विहीन होने की वजह से काफी मरीजों में कोरोना संक्रमण माइनर स्टेज पर पहुंचकर ही ठीक हो गया। ऐसे मरीज कुछ दिन में ही ठीक हो जाते हैं।

डॉ। अखिलेश मोहन, सीएमओ, मेरठ

Posted By: Inextlive