कोरोना संक्रमण का असर खेल के मैदानों पर भी पड़ा है। हालत यह है कि अब न्यू नॉर्मल की स्थिति में स्टेडियम में खिलाडिय़ों की संख्या कम हो गई है। कोविड काल के दो साल के बाद भले ही अब खेल के मैदानों में बदलाव होने लगे है। धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। खिलाडिय़ों को खेल के मैदान तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न खेलों के कोच के मुताबिक अभी भी 30 से 35 फीसदी तक खिलाडिय़ों की संख्या घटी है। ऐसे खिलाडिय़ों को फिर से मैदान में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मेरठ (ब्यूरो)। खिलाडिय़ों को फिर से रुटीन पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना काल के बाद खिलाड़ी फिर से मैदान में टैलेंट दिखा सकें। इसके लिए प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं। मैदानों पर मैच और टूर्नामेंट आयोजित कराए जा रहे हैं। बावजूद इसके, अभी भी खेल के मैदान में खिलाडिय़ों की संख्या कम ही है। हालांकि, विभिन्न खेलों के कोच के मुताबिक अब स्थितियां सुधर रही हैं। खेलों को फिर से दोबारा से वापस स्थिति में लाने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार भी खेल के मैदानों में खिलाड़ी कम ही पहुंचे, हॉकी, क्रिकेट, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, खो- खो, सहित विभिन्न गेम्स के खिलाड़ी कम ही संख्या में पहुंच रहे हैं।

अभी और लगेगा समय
कोच के अनुसार स्थितियां तो अब सुधर गई है। मैदानों में खिलाडिय़ों के लिए पूरी सर्तकता बरती जा रही है, लेकिन कोरोना काल में हुए डाउन फॉल से उबरने में अभी समय लगेगा। कोच कहते हैं कि हर खिलाड़ी की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वहीं कोविड के नियमों का पूरा पालन हो रहा है। मैदानों में खिलाड़ी भी धीरे-धीरे लौट रहे हैं। बावजूद इसके, स्टेडियम में अभी भी खिलाडिय़ों की संख्या काफी कम है, जिनके गेम्स हंै अधिकतर वही खिलाड़ी आ रहे हैं। अभी भी खिलाड़ी पहले की तरह अधिक नहीं आ रहे हैं।

बदल गए है नियम
अब मैदानों में तस्वीरें बदल गई है। अब खिलाडिय़ों और कोच को बिना मास्क के एंट्री नहीं है। वहीं अब गेम्स में खिलाडिय़ों को मास्क पहनकर व सेनिटाइज होकर ही खेलना जरुरी कर दिया गया है। कोई बाहर का खिलाड़ी आता है तो पहले उसको कोविड टेस्ट किया जाता है।

अब स्थितियां सुधर गई है। कोविड का डर तो नहीं है, लेकिन फिर भी खिलाड़ी की संख्या पहले की तरह अधिक नहीं है, जितनी पहले होती थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां सुधरेंगी।
गौरव त्यागी, एथलेटिक्स कोच

खिलाड़ी आ रहे हैं। पहले से अधिक है, लेकिन अभी भी कोविड काल से पहले जैसी संख्या नहीं है। संख्या कम ही है।
भूपेंद्र, बॉक्सिंग कोच

खिलाड़ी मैदानों में आ रहे हैं पर उतने अधिक नहीं हैं, जितने पहले हुआ करते थे, अभी धीरे-धीरे संख्या बढ़ेगी इसकी उम्मीद है।
संजय रस्तोगी, क्रिकेट कोच

Posted By: Inextlive