कूड़ा निस्तारण के नाम पर निगम की व्यवस्थाएं हो रही फेल

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सफलता के लिए निगम भले ही पूरा दावा कर रहा हो लेकिन असल में शहर की वर्तमान हालत निगम के दावों की कुछ और कहानी बयां कर रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अगले माह वोटिंग शुरु होनी है लेकिन सर्वेक्षण के प्रमुख मानक यानी गंदगी के मामले में ही निगम फेल हो रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों और जगह-जगह पर कूडे़ का ढेर लगा हुआ और निगम दावा कर रहा है कि शहर साफ हो चुका है।

अधूरी तैयारी के साथ

स्टेट लेवल पर होने जा रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम इस बार 1000 अंकों के लिए प्रदेश के हजारों वार्डो के बीच अपने आप को साबित करेगा। इसके आधार पर ही निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए अपनी तैयारियों का सही मूल्यांकन कर पाएगा। इसमें अकेले कूडे़ कूड़ा निस्तारण और कचरे के लिए 200 अंक और स्वच्छता के लिए 200 अंक निर्धारित हैं। यानि 400 नंबर पाने के लिए निगम को अपने शहर को साफ और शहर के वार्ड को साफ दिखाने के साथ साथ शहर के कूडे़दान को साफ करना होगा। लेकिन करीब 15 दिन का समय इस माह के खत्म होने में बाकि है लेकिन शहर में सफाई का नामों निशान नही है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में बाकि दो माह

इस सर्वेक्षण के बाद जनवरी माह में स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए वोटिंग होनी है। इसके लिए मात्र एक माह से भी कम का समय बाकि है और निगम की कूड़ा निस्तारण योजनाएं अधर में है। इस स्वच्छता रैकिंग में निगम को 5000 अंकों के लिए दावेदारी पेश करनी है। जिसमें गत वर्ष निगम ने 1232 अंकों की दावेदारी पेश की थी। लेकिन इस साल अभी तक अंकों की दावेदारी भी नही की गई है।

स्टेट स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार हमारा जोर कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर है यह प्लांट तैयार है प्लांट के शुरु होते ही कूडे़ की समस्या का निस्तारण हो जाएगा जोकि पिछले साल हमारी कमी रही थी।

डा। गजेंद्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive