- दो बीघा में 60-70 पूले गेहूं फसल देख परेशान था किसान

- पीडि़त परिवार में आगे-पीछे कोई नहीं, कैसे होगा भरण-पोषण

Phalauda : पांच लाख रुपये के कर्ज में डूबे नैडू गांव निवासी किसान ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। परिवार में पत्नी व चार बच्चे हैं, लेकिन कमाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में परिवार के भरण-पोषण के लाले पड़ जाएंगे।

कर्ज के कारण तनाव में था

नैडू गांव निवासी कृष्ण गोपाल उर्फ नीनू पंडित (फ्8) पुत्र रामकिशन के पास गांव में दो बीघा जमीन है, जिस पर वह खेतीबाड़ी कर जीवन यापन कर रहा था। परिवार में पत्नी कविता व चार बच्चे हैं। कृष्ण गोपाल ने दो बैंक शाखाओं व एक साहूकार से पांच लाख रुपये कर्ज ले रखा था, जिसके चलते वह काफी तनाव में था।

फांसी लगा ली

आपदा प्रभावित गेहूं फसल की कटाई के बाद म्0-70 पुले निकले तो कृष्ण गोपाल और ज्यादा विचलित हो गया। शुक्रवार को कविता अपने चारों बच्चों के साथ खेत पर गई हुई थी। कृष्ण गोपाल घर पर अकेला था। इस दौरान कमरे की छत में लगे लोहे के गार्डर पर रस्सी का फंदा डालकर कृष्ण गोपाल ने फांसी लगा ली। बच्चों के साथ कविता जब घर लौटी तो पति को फांसी पर लटका देखा। घटना से घर में कोहराम मच गया और आसपास के लोग भी एकत्र हो गए। कुछ ही देर में ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया।

पांच लाख रुपये की थी देनदारी

सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। भाई योगेंद्र ने पुलिस को बताया कि कर्ज के कारण कृष्ण गोपाल काफी परेशान था। बताया कि ¨सडीकेट बैंक की डेढ़ लाख, सहकारी समिति नैडू व अन्य कर्ज समेत पांच लाख रुपये की देनदारी थी।

बच्चों के सिर पर से उठा पिता साया

कृष्ण गोपाल के चार बच्चों में दीक्षा (9), माही (8), इषिका (भ्) व कनाल (ख्) वर्ष का है। इन मासूम बच्चों को नहीं पता है कि उनके सिर से पिता का साया उठ गया है। बच्चों को देखकर सांत्वना देने वालों की भी आंखें भर आईं। इतना ही नहीं ओझल होने तक बच्चें उन्हें एकटक देखते रहे।

चार माह पूर्व हुई भाई की मौत

ग्रामीणों ने बताया कि कृष्ण गोपाल के पिता की मौत उपचार के अभाव में चार वर्ष पूर्व हुई थी, जबकि उसके भाई को पीलिया से पीडि़त होने के कारण चार माह पूर्व मौत हुई थी। पत्नी कविता के परिवार में भी कोई नहीं है। ऐसे में सवाल है कि चार बच्चों और महिला का गुजारा कैसे होगा?

पोस्टमार्टम के लिए शव भिजवा दिया गया है। किसान पर काफी कर्ज था, जिसकी वजह से वह काफी तनाव में था। पीडि़त परिवार को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। फिलहाल, एक गांव में फसल का मुआवजा चेक वितरित कर रहा हूं।

- अर¨वद कुमार सिंह, एसडीएम मवाना

Posted By: Inextlive