कृषि बिल के विरोध में किसानों का चक्का जाम

शहर के बाहर 6 से ज्यादा प्वाइंटों पर किसानों ने डाला डेरा

Meerut। मोदी सरकार के कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को शहर की सीमा पर किसानों ने अपना कब्जा कर जमकर हंगामा किया। प्रदेश संगठन के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन ने मेरठ और आसपास के हजारों किसानों के साथ शहर की सीमाओं पर कब्जा कर अपना प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने आवागमन पूरी तरह से ठप कर दिया। किसानों के प्रदर्शन के कारण शहर के लगभग सभी प्रवेश मार्ग घंटों तक बंद रहे। किसान बिल के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के चलते सभी मार्ग बंद होने से छोटे बड़े वाहन सवार चालकों समेत राहगीर परेशान हो गए। इस दौरान जिले के सभी प्रमुख मार्गो समेत शहर के अंदर भारी मात्रा में पुलिस बल और आरआरएफ के जवान मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान कहीं पुलिस से झड़प या तोडफोड़ नही हुई और पूरा प्रदर्शन शांति पूर्वक ढंग से निपट गया।

एंट्री पाइंट पर चक्का जाम

केंद्र सरकार के किसान बिल के विरोध में भाकियू की रणनीति के अनुसार शुक्रवार को शहर के सभी प्रमुख छह एंट्री पाइंट पर चक्का जाम रहा। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने नानू गंगनहर पुल पर मोर्चा संभाला, परतापुर बाइपास पर विजयपाल घोपाल व दीपक के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ। वहीं मवाना खुर्द पर नरेश चौधरी, दिल्ली-दून बाइपास स्थित दौराला फ्लाई ओवर के पास संजय दौरालिया, रविंद्र दौरालिया व नवाब सिंह अहलावत, जानी खुर्द में हरेंद्र जानी व जमील अंसारी और खिर्वा बाइपास पर विनोद जिटौली, ईलम सिंह और महाराज सिंह के नेतृत्व में भाकियू ने चक्का जाम कर शहर में वाहनों के आवागमन की व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया। इस दौरान किसानों ने केवल सेना के वाहन, एंबुलेंस, छात्र, पुलिस और अंतिम यात्रा वाहनों को ही निकलने दिय। इसके अलावा सभी प्रकार के आवागमन को रोककर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया गया।

भाकियू से किसानों ने बनाई दूरी

हालांकि चक्का जाम का यह अभियान पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन के आहवान पर था। लेकिन इस प्रदर्शन में केवल भाकियू से जुडे़ किसान शामिल रहे, अन्य किसानों ने इससे दूरी बनाए रखी। मौके पर चक्का जाम करने की औपचारिकता अधिक रही। भाकियू के चुनिंदा लोग ही ट्रैक्टर ट्राली लेकर जाम लगाने में लगे रहे और केवल भाकियू कार्यकर्ताओं तक ही यह प्रदर्शन सिमट कर रह गया।

प्रदर्शन से राहगीर हुए परेशान

मेरठ के परतापुर में प्रदर्शन के दौरान पूरा बाईपास रोक दिया गया। इस दौरान केवल एंबुलेंस और अन्य आपात सेवाओं से जुडे़ वाहनों को जाने दिया गया बाकि सभी प्रकार वाहनों को जबरन रोका कर चक्का जाम कर दिया गया.भाकियू कार्यकर्ताओं ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉली बीच सड़क में लगाकर सड़क को बंद कर दिया। इस दौरान छात्रों, महिलाओं और एंबुलेंस को रास्ता देकर जाने दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग पैदल चलकर शहर के अंदर पहुंचे। कई जगह भाकियू कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई। वहीं कंकरखेड़ा हाईवे पर भी किसानों ने छोटा मवाना में हाईवे पर किसानों का प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। किसानों ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा कर एनएच 58 पर जटोली और परतापुर बाईपास को पूरी तरह बंद कर दिया। भाकियू और अन्य किसान संगठनों के कार्यकर्ता और किसान काफी संख्या में एकत्र रहे।

Posted By: Inextlive