बुलंदशहर से मरीज को मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे परिजन

चंद मिनटों में निकल गई जान, दूसरी एंबुलेंस से शव को ले गए

Meerut। मेडिकल कालेज कैंपस के बाहर इलाज के इंतजार में कई मरीजों की जान जा चुकी है। मंगलवार को भी ऐसा ही मंजर नजर आया, जहां 108 एंबुलेंस चालक की संवेदनहीनता से महिला ने इमरजेंसी वार्ड की सीढि़यों पर दम तोड़ दिया। बुलंदशहर से एंबुलेंस से आए महिला के परिजन भर्ती होने तक मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन एंबुलेंस चालक ने ऑक्सीजन सपोर्ट हटा लिया। इसके चंद मिनटों बाद ही मरीज की मौत हो गई।

लाए थे बुलंदशहर से

सिकंदराबाद निवासी उमेश कुमार ने बताया कि उनकी चाची ओमवती देवी कई दिनों से बुखार और सांस की बीमारी से पीडि़त थीं। लक्षण कोरोना के ही नजर आ रहे थे। मंगलवार को उन्होंने बुलंदशहर से मेरठ के लिए पांच हजार रुपये में एंबुलेंस तय की और मरीज को मेडिकल कॉलेज ले आए। दोपहर करीब एक बजे मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड के सामने एंबुलेंस आकर रुकी। मरीज का ऑक्सीजन लेवल 70 फीसदी से नीचे था, जबकि पल्स और अन्य शारीरिक पैरामीटर बिगड़ गए थे।

चला गया एंबुलेंस चालक

महिला के परिजनों ने एंबुलेंस चालक से इमरजेंसी वार्ड तक मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए कहा, लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी और ऑक्सीजन सपोर्ट हटाकर मरीज को वहां छोड़कर निकल गया। मरीज की सांस फूलती देख उन्होंने मेडिकल के आपातकालीन विभाग के स्टाफ से मरीज को भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट देने की गुहार लगाई, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में करीब पांच मिनट के अंदर ही मरीज की मौत हो गई। वहीं, प्राचार्य डा। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कैंपस में मरीज को तत्काल इलाज देने का प्रयास किया जाता है। एंबुलेंस चालकों को भी आगाह किया गया है कि वो मरीजों को छोड़कर तत्काल न भागें।

Posted By: Inextlive