डेयरियों से वसूलेंगे रु18 करोड़
- 20 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रत्येक डेयरी पर जुर्माना
- 12 लाख रुपये एक डेयरी से दो महीने का जुर्माना -150 डेयरियों पर लगाया गया जुर्माना -18 करोड़ रुपये की होगी कुल वसूली Meerut । नालियों में गोबर बहाने पर नगर निगम ने डेयरियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बार नगर निगम डेयरियों पर किसी प्रकार की रियायत बरतने को तैयार नहीं है। जुर्माने के नोटिस के बाद नगर निगम ने 59 डेयरियों की आरसी जारी कर दी है। आरसी के बाद अब उनसे प्रशासन की मदद से वसूली की जाएगी। नहीं दिया नोटिस का जवाबनगर निगम ने तीन माह पहले 150 डेयरियों को 20-20 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने का नोटिस जारी किया था। जिसके बाद भी डेयरियों ने उसका जवाब नहीं दिया। इसके बाद उन्हें डिमांड नोटिस दिया गया। अब नोटिस का जबाव न देने पर विभाग ने आरसी जारी की है।
अब आगे क्यानगर निगम ने डिमांड नोटिस का जवाब न देने पर 59 डेयरियों को आरसी जारी की है। वहीं, नोटिस का जवाब न देने पर शेष 91 डेयरियों को जल्द ही नगर निगम डिमांड नोटिस भेजेगा। एक सप्ताह के अंदर डिमांड नोटिस पर जुर्माना जमा न करने पर उनके खिलाफ आरसी जारी होगी।
नहीं मिल सकी मंजूरी गौरतलब है कि नगर निगम ने एक साल पहले डेयरियों को बाहर ले जाने के लिए परतापुर के काशी गांव में कैटल कॉलोनी के लिए स्थान तय किया था। स्थान तय करने के बाद शासन को इसकी रिपोर्ट भी भेज दी थी, लेकिन साल भर में शासन से मंजूरी नहीं मिली है। नहीं हो सकी वसूली नगर निगम ने जिन 150 डेयरियों को जुर्माने का नोटिस जारी किया था। उसमें से किसी ने भी अभी तक कोई पैसा जमा नहीं किया है। पिछले माह निगम के अधिकारी जुर्माना वसूलने गए थे, लेकिन टीम के साथ मारपीट होने पर दोबारा से वसूली करने के लिए निगम की ओर से कोई नहीं गया। --------- कागजों में सिमटी योजनाएं नगर निगम ने डेयरियों को शहर से बाहर ले जाने के लिए कई बार कार्रवाई व योजनाएं बनाई। उस पर अमल करने के लिए पूरी फाइल तैयार की गई। लेकिन वह कागजों में ही सिमट कर रह गई। -------- ये बनी थी योजना - डेयरियों के काटे जाएंगे पानी के कनेक्शन- डेयरियों के गोबर से जैविक खाद बनाने की योजना
- गोबर गैस प्लांट लगाने की योजना
-------- हम डेयरियों को बाहर ले जाने के लिए तैयार है। लेकिन प्रशासन जमीन तो उपलब्ध कराए। हम तो खुद परेशान है। निगम बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना लगा रहा है। यदि डेयरियों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी जाए, तो बहुत राहत होगी। महेंद्र कुमार, अध्यक्ष डेयरी एसोसिएशन कैटल कॉलोनी के लिए हमने जगह निश्चित करके शासन को भेजी थी। लेकिन अभी तक वहां से मंजूरी नहीं मिली है। दो बार इसके लिए रिमाइंडर भी भेज चुके हैं। अब दोबारा से रिमाइंडर भेजा जाएगा। वैसे नालियों में गोबर बहाने पर डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। डॉ। कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम