निजी अस्पतालों में नए मरीज मिले, कई की हालत गंभीर

पीडि़त मरीजों के लिए ओटी व ऑक्सीजन का भी संकट

Meerut। कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस नई आपदा बनकर टूट रहा है। मेरठ में इस बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई है, जबकि निजी कोविड अस्पतालों में बड़ी संख्या में नए मरीज मिल गए हैं। न्यूटिमा में भर्ती मुजफ्फरनगर के एक मरीज की शुक्रवार को मौत हो गई, वहीं होप अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीज की आंख खराब हो गई। मरीज की आंख को निकालना पड़ा। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती दर्जनों मरीज गंभीर बने हुए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज अचानक बढ़ने से उनके ऑपरेशन के लिए थिएटर और ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है।

प्रशासन अलर्ट

न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती 55 साल के एक मरीज की मौत के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। निजी अस्पतालों एवं ईएनटी क्लीनिकों से ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी जुटाई जा रही है। मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के पांच मरीज पहले ही मिल चुके हैं। दो दिन पहले एक मरीज को नई दिल्ली रेफर कर दिया गया था। कई अस्पतालों में इससे पीडि़त मरीज भर्ती हैं। आनंद अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो मरीजों का ऑपरेशन किया गया है।

शुगर मरीज सावधान रहें

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि लंबे समय तक आईसीयू में रहने, स्टेरॉयड खाने एवं अनियंत्रित शुगर की वजह से यह फंगस संक्रमित हो रहा है। कई मरीजों की आंखों की पुतली ने घूमना बंद कर दिया है। चेहरे की नसें ठंडा-गरम का अहसास नहीं कर पा रही हैं। मेडिकल कॉलेज ने दो को रेफर किया है। उधर, ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। अभिषेक सिंह ने बताया कि सप्ताहभर में ब्लैक फंगस के दर्जनों मरीज देख चुका हूं। फंगस ऐसे मरीजों को पकड़ रहा है जिनका शुगर लेवल 400 के आसपास है, और जो लंबे समय तक स्टेरायड ले चुके हैं। पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी इसके मरीज मिले थे लेकिन इस बार इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। वक्त पर इलाज और आपरेशन की सुविधा न मिले तो मरीज की आंख खराब होने के साथ ही मौत भी हो सकती है।

Posted By: Inextlive