Meerut : सोने की चमक में मामूली सुधार दिख रहा है लेकिन लास्ट सिक्स मंथ में प्रति दस ग्राम दो हजार रुपए की गिरावट दर्ज की गई है. इंवेस्टर्स घाटे में हैं तो कस्टमर भी रेट टूटने के इंतजार में खरीदारी को टाल रहे हैं. कारोबार 25 फीसदी प्रभावित हुआ है. व्यापारियों के चेहरे पर शिकन साफ नजर आती है. एक्सपर्ट की मानें तो गोल्ड रेट में गिरावट अभी जारी रहेगी. तो आप भी थोड़ा सावधान रहें ज्वेलरी की खरीदारी में...


सोने का हाल बेहालMonth       Price(10gm)March 13    29400Feb। 13       30620Jan। 13        30950Dec। 12       31000Nov। 12       31380Oct। 12        31430Sept। 12      31500August 12   29950July 12        29850June 12       30100May 12        28820April 12       28250Above rates are on average।अब Gold में वो बात कहां?जी हां, वाकई में सोने में वो मजा नहीं रह गया है। पिछले पांच माह के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। सोने की कीमतों में जो गिरावट आई है, उससे इंवेस्टर्स और सर्राफा व्यापारियों के माथे पर बल पड़ गए हैं। न तो दुकान पर ग्राहक हैं और न ही दुकानदारों में जोश। पब्लिक भी सोने पर कोई खास इंट्रस्ट नहीं दिखा रही है। सोने पर इंवेस्ट करना घाटे का सौदा हो गया है.  दर्द के सात महीने
जाते हुए फाइनेंशियल की बात करें तो सितंबर 2012 में सोने की कीमत 31, 500 रुपए के जादुई आंकड़े को छू गई थी, जिससे इंवेस्टर्स और सर्राफा व्यापारियों के चेहरे खिल गए थे। उसके बाद तो दिसंबर माह में सोने की कीमत 31 हजार रुपए और पिछले तीन महीनों में ये कीमत 29 हजार पर पहुंच गई है, जिसे मार्केट विश्लेषक शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं।दो हजार से अधिक का घाटा


लास्ट सिक्स मंथ की बात करें तो दस ग्र्राम सोने की कीमत में औसत 2100 रुपए की गिरावट आई है। ताज्जुब की बात है कि पिछले तीन महीनों में ये गिरावट 1550 रुपए की है। जो किसी भी समय की सबसे बड़ी गिरावट है। सर्राफा व्यापारियों की माने तो ऐसी गिरावट कभी भी देखने को नहीं मिली। 25 फीसदी की गिरावटबुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन की माने तो कीमतों की इस गिरावट से सर्राफा व्यापारियों, इंवेस्टर्स और खरीददारों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे कोई भी सोने की खरीददारी और इंवेस्टमेंट में रिस्क नहीं ले रहा। खरीदारी में 25 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि दुकान और कारीगरों के खर्चे वहीं के वहीं हैं, जिससे व्यापारी भी बहुत परेशान हैं। तो 40 हजार रुपए होता गोल्ड

बाजार एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह से गोल्ड के पिछले छह महीने पहले बढ़ रहे थे तो मौजूदा वक्त में गोल्ड की कीमत 40 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास होनी चाहिए थी। इंवेस्टर्स ने भी इसी अंदाजे के साथ गोल्ड में इंवेस्ट किए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस तरह से अब हम कह सकते हैं कि गोल्ड में मौजूदा समय में प्रति 10 ग्राम दस हजार रुपए का घाटा हुआ है। पब्लिक के लिए काफी बड़ा नुकसान है। एक्सचेंज को आ रहेसर्राफा व्यापारियों की माने तो कोई भी नया गोल्ड खरीदने को तैयार नहीं है। अगर कोई ग्राहक आता भी है तो पुराने सोने की ज्वैलरी के बदले नई ज्वैलरी का एक्सचेंज करता है या फिर ज्वैलरी पर किसी तरह की कोई कमी होने पर ठीक कराने के लिए आ रहे हैं। इससे न तो इतना फायदा होता है और न ही मार्केट को इससे फायदा हो रहा है। अगर खरीददारी हो रही है तो वो है सोने के सिक्कों की। क्या है करण- सर्राफा व्यापारी सोने की कीमतों में बार-बार फ्लकचुएशन होने का कारण गवर्नमेंट की पॉलिसी को मान रहे हैं। - टैक्स में बढ़ोतरी और मनी लांड्रिंग जैसे एक्ट सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव पैदा करते हैं जिससे ऐसी परिस्थितियां पैदा हो रही है।- ये भी तर्क है कि इंटरनेशनल मंदी के कारण अमेरिका और यूरोपीयन कंट्रीज द्वारा गोल्ड रिर्जव कर देने से हो रहा है।
'मार्केट की हालत खस्ता होने के बावजूद हम उम्मीद कर रहे हैं कि हालात जल्द ही ठीक हो जाएंगे। वैसे कीमतों के गिरने से पिछले छह महीनों में मार्केट में 25 फीसदी की कमी है। फिर भी हम कह रहे हैं कि गोल्ड से बेटर कहीं भी इंवेस्टमेंट नहीं है.'- सर्वेश कुमार, महामंत्री, बुलियन ट्रेडर्स ऐसोसिएशन'हां, थोड़ा बहुत फर्क तो आया है, लेकिन अभी हालात इतने भी खराब नहीं हैं। अभी इंटरनेशनल मार्केट भी ठीक नहीं है। इसलिए रेट में थोड़ा डिफ्रेंस आया है। थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, सब ठीक हो जाएगा.'- अमित कुमार सर्राफ, मैनेजिंग पार्टनर, रघुनंदन प्रसाद पदम प्रसाद ज्वैलर्स

Posted By: Inextlive