शासन ने केजीएमयू को सौंपी जिम्मेदारी, प्रदेश के 25 अस्पतालों का चयन

कोविड-19 के इलाज में तेजी लाने के लिए शासन ने लिया फैसला

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण के तहत क्रिटिकल मरीजों के इलाज को विस्तार देने के लिए शासन अब प्लाज्मा बैंक बनाने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए प्रदेश के 25 अस्पतालों का चयन किया गया है। इसमें पहले फेज के लिए मेरठ के एलएलआरएम कॉलेज को शामिल किया गया है।

शासन से मांगी मशीन

प्लाज्मा डोनेशन की प्रक्रिया और प्लाज्मा निकालने के लिए मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में भी तैयारी शुरू हो गई है। शासन की ओर से विभाग ने करीब 20 लाख रुपये की मांग मशीन के लिए की है। फिलहाल इसके लिए दूसरे प्राइवेट अस्पतालों से मदद लेने की तैयारी चल रही है। मेडिकल प्रशासन का कहना है फिलहाल कुछ मरीज प्लाज्मा देने के लिए तैयार हुए हैं। हालांकि अभी ये तय नहीं हो पाया है किस मरीज को प्लाज्मा थेरेपी देनी है। इस पर रिसर्च जारी है।

मानक तय करेगा केजीएमयू

प्रदेश भर में अभी तक अपने-अपने हिसाब से जिले प्लाज्मा थेरेपी दे रहे थे। शासन के नए निर्देशों के तहत अब प्लाज्मा थेरेपी को लेकर पुख्ता गाइडलाइन तैयार होगी। इसके लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। केजीएमयू सभी अस्पतालों को टेक्निकल ट्रेनिंग देगा। वहीं थेरेपी को लेकर नई नीतियों का गठन, डाटाबेस, के साथ ही थेरेपी के लिए अपनी बेस्ट प्रेक्टिस देगा। साथ ही सभी की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी इसी संस्थान को दिया जाएगा।

दी जाएगी ट्रेनिंग

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर शासन की मंशा अधिक से अधिक मरीजों को लाभ पहुंचाना है। प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा क्लेक्ट करने से लेकर देने तक के लिए सभी विभागों को ट्रेनिंग दी जाएगी। रिपीट प्लाज्मा डोनेशन को लेकर भी स्टाफ को ट्रेंड किया जाएगा। ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी या गड़बड़ी न हो।

ये है प्लाज्मा थेरेपी

प्लाज्मा थेरेपी के तहत खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं से अलग किया जाता है। किसी मरीज के प्लाज्मा में अस्वस्थ टिश्यू मिलते हैं तो दूसरे रिकवर हो चुके मरीज का प्लाज्मा उसे दिया जाता है। ताकि उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज दूसरे मरीज को मिल जाएं।

ये हैं फायदे

प्लाजमा इम्यूनिटी को डेवलप करता है। जिससे मरीज के जल्दी रिकवर होने के चांसेज होते हैं। ये दर्द रहित होती है और अधिकतर मामलों में कारगार साबित रही है।

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर लगातार रिसर्च चल रही है। शासन से संसाधनों की मांग की गई है। प्लाज्मा बैंक बनाने के लिए पहले फेज में एलएलआरएम भी हैं। वहीं फिलहाल हम अपनी तरफ से भी इस पर काम कर रहे हैं।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ

Posted By: Inextlive