योगी सरकार की कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में लैपटॉप और टेबलेट बांटने की योजना है। हालत यह है कि यह योजना अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई इसके नाम पर फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। छात्रों ने शिकायत की है कि शहर में कई साइबर कैफे संचालक सीएम योगी का फोटो लगा एक फॉर्म बांट रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि इस फॉर्म को भरकर कॉलेजों में जमा करना है। यहीं नहीं साइबर कैफे संचालक प्रति फॉर्म के एवज में 200 रुपये भी वसूल रहे हैं। इस बाबत सीसीएस यूनिवर्सिटी में भी शिकायत पहुंची है कि कुछ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज भी टेबलेट और लैपटॉप बांटने की योजना के नाम पर छात्रों से फॉर्म भरा रहे हैं। इस मामले में यूनिवर्सिटी ने नोडल अधिकारी की तैनाती की है जो मामले की गहनता से जांच करेंगे।

मेरठ, (ब्यूरो)। इस बाबत सीसीएस यूनिवर्सिटी ने नोडल अधिकारी को जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी दी है। नोडल अधिकारी और रजिस्ट्रार ने भी कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि लैपटॉप और टेबलेट बांटने के नाम पर जो कॉलेज छात्रों से फॉर्म जमा कराएंगे, उन पर कार्रवाई होगी।

आ रहीं शिकायतें
गौरतलब है कि सीसीएसयू और उससे जुड़े कॉलेजों में लैपटॉप और टेबलेट बांटने की योजना को लेकर फॉर्म बांटने की शिकायतें आ रही हैं। कई साइबर कैफे भी इस तरह के फॉर्म बांट रहे हैं। हालांकि, कुछ कॉलेजों ने तो अब इस संबंध में नोटिस लगा दिया है कि फॉर्म जमा नहीं होंगे, लेकिन कुछ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज अभी भी योजना के फार्म जमा कर रहे हैं। इससे साइबर कैफे संचालकों को बढ़ावा मिल रहा है।

200 रुपये के फॉर्म
बता दें कि स्टूडेंट्स ने शिकायत की है कि साइबर कैफेज द्वारा मुख्यमंत्री की फोटो लगा एक फार्म स्टूडेंट्स से भरवाया जा रहा है। इसकी कीमत 200 रुपये है। अब तक कई छात्र ऐसे फॉर्म को भरकर ठगे जा चुके हैं।

होना ये था
दरअसल, शासन ने इस योजना के तहत लाभार्थियों की कुल संख्या जानने के लिए यूनिवर्सिटी से डिटेल मांगी थी। वहीं, यूनिवर्सिटी ने निर्देश दिए थे कॉलेज छात्रों की डिटेल एक्सएल शीट के माध्यम से मुहैया करा दें। कॉलेजों को छात्रों की पूरी डिटेल को मेल करना था।

अब हो ये रहा है
वहीं, कॉलेजों ने डाटा एकत्र करने की मशक्कत से बचने के लिए छात्रों से फॉर्म भराने शुरू कर दिए। ऐसे में स्टूडेंट्स ने फार्म भरके जमा कर दिए है। वहीं, कुछ छात्र अभी भी कर रहे हैं। इसकी शिकायत छात्र नेता अंकित अधाना ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से की। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने मामले की गंभीरता को समझा और कॉलेजों को नोटिस भेजे। इसके मुताबिक किसी फॉर्म की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद कॉलेजों ने फॉर्म भरवाने बंद किए। साथ ही इसकी जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा की।

साइबर कैफे की कमाई
स्टूडेंट्स ने शिकायत की है कि साइबर कैफे ने फॉर्म के नाम पर खूब कमाई की। मुख्यमंत्री की फोटो लगा एक फार्म स्टूडेंट्स द्वारा योजना के नाम पर 200 रुपए में भराया जा रहा है। जबकि शासन से सिर्फ डाटा मांगा गया था।

प्राइवेट कॉलेजों की चाल
छात्रनेता अंकित अधाना के नेतृत्व में गुरुवार को एक बार फिर छात्र सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय पर शिकायत करने पहुंचे। आरोप है कि अभी भी प्राइवेट कॉलेज लगातार फार्म जमा करने का दवाब बना रहे है। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की साइबर कैफे संचालकों से मिलीभगत है। इससे वो मोटी कमाई कर रहे है। इस मामले में छात्र नेता शान मोहम्मद, शाहरुख, अरुण, गुलजार, आफरी, सुनैना, सलीम सहित विभिन्न स्टूडेंट्स ने शिकायत की है।

अब होगी जांच
रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले में जांच की नोडल अधिकारी प्रो। नीलू जैन गुप्ता को बनाया गया है। उनको इस संबंध में कहा गया है कि कॉलेजों और स्टूडेंट्स को इसके बारे में जागरुक करें। इसके साथ ही जांच करें व रिपोर्ट तैयार करें कौन से कॉलेज है जो इस तरह से स्टूडेंट्स को भटका रहे है। वहीं रजिस्ट्रार ने बताया कि सभी कॉलेजों को भी नोटिस जारी किया है कि वो एक्सएल के जरिए डाटा भेजे।

डाटा भेजने में रुचि नहीं
हकीकत यह है कि इस योजना के लिए सभी कॉलेजों को अपने यहां के स्टूडेंट्स का डाटा एक्सल शीट पर तैयार करना है। जो कॉलेज स्तर से यूनिवर्सिटी को भेजा जाएगा। बावजूद इसके, कॉलेज इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। बीते सोमवार को इसके लिए लास्ट डेट यूनिवर्सिटी ने दी थी, लेकिन 483 कॉलेजों ने डाटा मेल किया है। इनमें से भी मुश्किल से 200 कॉलेजों ने ही पूरा डाटा भेजा है।

2 लाख का डाटा आया
रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि अभी दो लाख का डाटा मुश्किल से आया है, जबकि चार लाख से ऊपर स्टूडेंट्स का डाटा आना है। स्टूडेंट्स के हित को देखते हुए कॉलेजों को अब 18 तक का समय दिया गया था, ताकि वंचित स्टूडेंट्स को लाभ मिल सकें।


क्या कहते है स्टूडेंट्स
कैफे वाले लगातार फार्म भरवा रहे है, सभी कॉलेज भी फॉर्म को जमा कर रहे हैं। ऐसे में कैफे संचालकों की ठगी को कॉलेज भी बढ़ावा दे रहे हैं।
समीर चौधरी, स्टूडेंट, बीफार्मा

कॉलेजों द्वारा फार्म जमाकर स्टूडेंट्स को भटकाया जा रहा है, जो गलत है, इसकी शिकायत की गई है। इसको लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।
आदिल सैय्यद, मेडिकल स्टूडेंट


इस संबंध में यूनिवर्सिटी और जिला प्रशासन को कम्पलेन की है। इसके लिए कार्रवाई की मांग की है ताकि स्टूडेंट्स के साथ ठगी न हो।
अंकित अधाना, महामंत्री पूर्व छात्र संघ

स्टूडेंट्स को इस तरह से लूटना गलत है। इसकी शिकायत की है। कॉलेजों द्वारा गलत किया जा रहा है इसके लिए कोई कदम यूनिवर्सिटी और प्रशासन को उठाना होगा।
आरफीन, एमबीएएचए विभाग

Posted By: Inextlive