बौखला गए हैं बच्चा जेल के अधिकारी और कर्मचारी
- विस्फोटक स्थिति को देखकर काम करने को राजी नहीं है कोई भी
- प्रोबेशन अधिकारी को लिखकर भेजा पत्र मेरठ: जिला बाल संप्रेक्षण गृह में तीन दिनों तक उत्पात मचाने के बाद यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी बेहद सहमे हुए हैं। कोई भी यहां पर काम नहीं करना चाहता है। उन्हें उत्पाती किशोरों के हमला करने का डर सता रहा है। डरे- सहमे हैं अधिकारी कर्मचारीबच्चा जेल में काम करने वाले सहायक अधीक्षक ने हाथ खड़े कर दिए हैं। जेल के हालात विस्फोटक होते देख कोई भी कर्मचारी यहां पर काम करने को राजी नहीं है, ना ही कोई जेल में आना चाहता है। खासकर, वो तीन कर्मचारी जिन्हें बंदी किशोरों ने बंधक बना लिया था, वो सब बहुत सहमे हुए हैं। उन्हें लगता है कि जेल में उनको जान का खतरा है। उत्पाती किशोर कभी भी उन पर हमला कर सकते हैं। यही वजह है कि कोई भी अपनी जान जोखिम में नहीं डालना चाहता है।
इन्हें नहीं जान का डरबंदी किशोरों को जान का डर नहीं है। यही वजह थी कि किशोरों ने सिलेंडर में आग लगाने की पुलिस प्रशासन को धमकी दे दी थी। जिसके बाद से पूरा प्रशासन हिल गया था। पहले दिन किशोरों पर लाठियां भांजने के बाद से किसी की भी हिम्मत किशोरों से मिलने की नहीं हुई है। कर्मचारियों ने भी जेल आना बंद कर दिया था। जिसके बाद ही अगले दिन एक बार फिर किशोरों ने खाना नहीं मिलने को लेकर जेल में हंगामा खड़ा कर दिया था।
लिखकर दिया पत्र जेल में काम नहीं करने की इच्छा जाहिर करते हुए सहायक अधीक्षक ने जिला प्रोबेशन अधिकारी यतेन्द्र सिंह को पत्र लिखा है। जिसमें साफ कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी यहां पर विस्फोटक हालातों को देखते हुए काम नहीं करना चाहता है। ये उनकी जान को जोखिम में लेने जैसा है। इसीलिए कर्मचारी अपनी जान जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं। कर्मचारी अभी सहमे हुए हैं। किशोरों ने यहां पर काफी उत्पात मचाया था। लेकिन कर्मचारियों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया जाएगा। जिससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो सके। यतेन्द्र सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी