अप्रैल में आसमान से बरसी आग
- पारा चालीस डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचा
- लोगों का स्वास्थ्य और दिनचर्या हुई प्रभावित - पिछले चार साल में अप्रैल माह सबसे अधिक रही गर्मी - मौसम वैज्ञानिक बोले, पलटी मारेगा मौसम - इस बार कमजोर मानसून भी बढ़ाएगा परेशानीMeerut: मौसम का मिजाज इस बार नए रंग दिखा रहा है और पसीना लोगों का निकल रहा है। पहले बरसात ने लोगों को जमकर भिगोया, अब अप्रैल माह में आसमान से बरस रही आग ने पसीना से तरबतर कर दिया है। लगातार चढ़ते पारे ने पिछले कई सालों का रिकार्ड ध्वस्त इस बार किया है। उधर, बढ़ती गर्मी का असर भी लोगों के स्वास्थ्य और दिनचर्या पर पड़ने लगा है। जहां लोगों में पेट का संक्रमण की शिकायत बढ़ रही है वहीं वायरल फीवर और डायरिया रोग भी तेजी से पेर पसार रहे हैं। इसके अलावा सिटी की दौड़ती लाइफ पर भी मौसम की मार का असर दिखने लगा है।
संडे सबसे ज्यादा गरमरविवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि पिछले सात दिनों के रिकार्ड पर नजर डाले तो पारा 40 और 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। रविवार को अप्रैल का सबसे अधिक तापमान रहा। हालांकि शनिवार को मौसम जरूर कुछ नरम रहा। लेकिन शाम होते होते नरमी गर्मी में बदल गई। उधर, लगातार पारे के चढ़ने से अप्रैल के अंत और मई के शुरू के सप्ताह में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावना है।
दिखने लगा है असर मौसम के रिकार्ड तोड़ने का असर लोगों पर दिखने लगा है। गर्मी बढ़ने के साथ मरीजों की संख्या भी डॉक्टर्स के पास बढ़ने लगी है। तापमान बढ़ने के असर से पेट में संक्रमण, शरीर में पानी की कमी, डायरिया, वायरल फीवर आदि रोगों ने पैर पसर लिए हैं। डॉक्टर्स भी आ रहे मरीजों का इलाज करने के साथ उन्हें गर्मी के मौसम से रोगों से बचाव के उपाए भी समझा रहे हैं। डॉ। एसके गर्ग के अनुसार गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की अधिक जरूरत होती है। ऐसे में खानपान का अधिक ध्यान रखें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। गर्मी ने रोके कदममौसम के गर्म होने के असर से लोगों की दिनचर्या भी खासी प्रभावित हुई है। सुबह शाम पार्क आदि में घूमने के लिए आने वाले बड़ी उम्र के लोगों की संख्या गर्मी बढ़ने के कारण काफी कम हो गई है। रिटायर्ड टीचर आरके शर्मा ने बताया कि गर्मी बढ़ने से शरीर से पसीना निकल जाता है, इससे डायबिटीज के रोगी को काफी प्रॉब्लम होती है। सुबह के समय तो मौसम फिर भी ठीक होता है, लेकिन शाम के समय तो मौसम देर रात तक गर्म रहता है। मौसम के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए घर में रहना ही बेहतर है।
मई में टूटेगा रिकार्ड ? मौसम के गरम तेवर देखकर वैज्ञानिक हैरान है। मौसम के जानकारों के अनुसार इस बार गर्मी अधिक रहेगी। अप्रैल माह में इतनी गर्मी कई सालों के बाद देखने को मिली है। जबकि इस बार जनवरी से लेकर अप्रैल तक कई बार तेज बारिश, आंधी, ओलावृष्टि भी हुई। इसका कारण दक्षिणी विक्षोभ माना गया, लेकिन अब फिर मौसम का इतना गरम होना और पारा अप्रैल माह में ही ब्0 के करीब पहुंचना चिंता का विषय है। उधर, लगातार गर्मी बढ़ने से इस बार मई के पहले सप्ताह में नए रिकार्ड कायम होने की संभावना भी जगा दी है। पलटी मारेगा मौसमपारे के लगातार बढ़ने से मौसम के करवट बदलने की संभावना भी वैज्ञानिक जता रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम के गर्म होने का असर भी अगले कुछ दिनों में सामने आएगा। तापमान बढ़ने से तेज आंधी के साथ बारिश की संभावना है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।
पिघल गए रिकार्ड इस बार मौसम ने पिछले कई सालों के रिकार्ड को अपने ताप से पिघला दिया है। साल ख्0क्0 में अप्रैल माह का औसत तापमान फ्म्.भ् अधिकतम और ख्0.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहा। साल ख्0क्क् में तापमान फ्7.फ् अधिकतम और ख्0.म् डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहा। साल ख्0क्ख् में तापमान फ्8.म् अधिकतम और ख्क्.फ् डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहा। साल ख्0क्फ् में तापमान फ्8.7 अधिकतम और ख्ख्.क् डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहा। इस बार मौसम का असर कुछ अलग है। पहले बेमौसम बरसात और अब अप्रैल माह में इतनी गर्मी। आगे भी मौसम गर्म रहेगा, लेकिन अगले कुछ दिनों में बारिश की पूरी संभावना है। - डॉ। अशोक कु मार, नोडल अधिकारी, सरदार बल्लभभाई पटेल कृषियूनिवर्सिटी बदलता मौसम हेल्थ को हमेशा प्रभावित करता है। गर्मी में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सिर्फ सचेत रहकर ही रोगों से बचा जा सकता है। - डॉ। सुभाष सिंह