डाटा की मुश्किल
कोरोना के वैक्सीनेशन के लिए आंकड़े जुटाना टेढ़ी खीर
कल डाटा कलेक्शन की लास्ट डेट, 25 थी लास्ट डेट, 25 फीसदी ही मिला डाटा अब तीसरी बार बढ़ाई गई लास्ट डेट, सीएमओ ऑफिस में 3400 से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स रजिस्टर्ड Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण से निजात दिलाने के लिए वैक्सीनेशन को लेकर डाटा एकत्र करना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। 25 अक्टूबर तक डाटा शासन को भेजने के निर्देश थे लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास केवल 25 प्रतिशत डॉक्टर्स का डाटा ही पहुंच पाया है। जबकि सीएमओ ऑफिस में 3400 से अधिक डॉक्टर्स व हेल्थ वर्कर्स रजिस्टर्ड हैं। फरवरी में टीकाकरण शासन के निर्देशों के तहत फरवरी 2021 में कोरोना वैक्सीन जारी की जाएगी। सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। जिसमें सरकारी अस्पताल, वहां तैनात चिकित्सक व अन्य स्टाफ शामिल है।बढ़ाई गई लास्ट डेट
सरकार के निर्देशों के तहत 25 अक्टूबर तक डाटा एकत्र किया जाना था। इसके तहत एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में बकायदा आईएमए, नìसग होम संचालक, पैथोलॉजी लैब संचालकों को ट्रेनिंग भी दी गई थी। इस दौरान डाटा में उन्हें क्या-क्या देना है, इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई थी। मगर 25 अक्टूबर तक डाटा देने में विभाग पूरी तरह से विफल रहा। इसके बाद 28 अक्टूबर की डेडलाइन में भी विभाग विफल रहा। अब इस तारीख को बढ़ाकर 10 नवंबर कर दिया गया है।
प्राइवेट से निराशा वैक्सीनेशन के लिए विभाग ने सीएचसी, पीएचसी व यूपी एचसी समेत सभी सरकारी चिकित्सकों, आशा वर्कर, एनएनएम, वार्ड ब्वॉयज का डाटा इकट्ठा कर लिया गया है। कल तक का समय मगर प्राइवेट चिकित्सकों, नíसंग होम, पैथोलॉजी लैब में कार्यरत कर्मचारियों का डाटा विभाग को नहीं मिल पा रहा है। नोडल अधिकारी प्रवीण गौतम ने बताया कि विभाग के पास अभी तक हजार लोगों का डाटा भी कलेक्ट नहीं हो पाया है। हालांकि दो दिनों में विभाग को सभी लोगों की लिस्ट शासन को भेजनी है। कोरोना वैक्सीन के लिए सरकारी व प्राइवेट चिकित्सकों को डाटा देने के लिए अवगत कराया जा चुका है। मगर प्राइवेट चिकित्सक, नìसग होम व पैथोलॉजी लैब डाटा नहीं दे रहे हैं। सभी को फिर से रिमाइंडर भेजा गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ