विभाग बोला 64, पोर्टल बता रहा 488 कोरोना के मरीज
कोरोना के मरीजों की पोर्टल पर ज्यादा संख्या को लेकर हो रही फजीहत
जागा स्वास्थ्य विभाग, मरीजों को ढूंढ-ढूंढकर कर रहे मिलान Meerut। जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार कम हो रहा है। पिछले हफ्ते भर में नए संक्रमित मरीजों का आंकड़ा सिंगल डिजिट पर सिमट गया है। बावजूद इसके एक्टिस केसेज का आंकड़ा सैकड़ो में चल रहा है। ये खुलासा स्वास्थ्य विभाग की कोविड रिपोर्ट में हुआ है। कोरोना के मरीजों की पोर्टल पर ज्यादा संख्या को लेकर विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। आनन-फानन में मरीजों का डाटा खंगाल कर मिलान किया जा रहा है। इस संबंध में शासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे हुआ खुलासाजिले में मरीजों का आंकड़ा कम होने के बावजूद एक्टिव केस काफी संख्या में हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 31 जनवरी को होम आईसोलेशन में 42 मरीज एडमिट थे। जबकि कोविड फैसिलिटी में कुल 22 मरीज एडमिट थे। इनमें से एनसीआर अस्पताल में 2, मिलट्री अस्पताल 8, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 2, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में 1, आनंद अस्पताल में 4, कैलाशी अस्पताल में 1 मरीज एडमिट था। वहीं धनसिंह कोतवाल, संतोष अस्पताल, केएमसी, आईआईएमटी अस्पताल, न्यूटीमा में एक भी मरीज अब एडमिट नहीं था। आंकड़ों के मुताबिक 31 जनवरी तक जिले में कुल 64 मरीज एक्टिव होने चाहिए थे लेकिन कोविड रिपोर्ट के मुताबिक जिले में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 488 बताया जा रहा है।
1 जनवरी से 10 जनवरी तक मिले मरीज 1 जनवरी- 26 2 जनवरी -51 3 जनवरी- 29 4 जनवरी- 24 5 जनवरी- 15 6 जनवरी- 19 7 जनवरी- 41 8 जनवरी-24 9 जनवरी- 13 10 जनवरी- 43 कुल मरीज- 285 11 से 20 जनवरी तक मिले मरीज 11 जनवरी- 22 12 जनवरी- 18 13 जनवरी- 15 14 जनवरी - 10 15 जनवरी- 12 16 जनवरी- 12 17 जनवरी- 12 18 जनवरी- 15 19 जनवरी- 15 20 जनवरी- 07 कुल मरीज मिले- 138 21 जनवरी से 31 जनवरी तक मरीज 21 जनवरी- 15 22 जनवरी- 12 23 जनवरी- 08 24 जनवरी- 05 25 जनवरी- 14 26 जनवरी- 07 27 जनवरी- 09 28 जनवरी- 07 29 जनवरी-09 30 जनवरी- 07 31 जनवरी-04 कुल मरीज मिले- 97 मरीजों ढूंढने में जुटा विभागलगातार कम हो रहे मरीज और रिपोर्ट में आ रहे मरीजों के आंकड़ों में अंतर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों को ढूंढने में जुट गए हैं। डीएसओ डॉ। प्रशांत ने बताया कि पोर्टल पर काफी ऐसे मरीज भी रजिस्टर्ड हैं जो दूसरे स्टेट या डिस्ट्रिक्ट के हैं। इनका डाटा डिलीट नहीं होने की वजह से आंकड़ों में अंतर आ गया है। विभाग की ओर से सभी मरीजों को डाटा निकालकर उनसे डिटेल्स ली जा रही है। इसमें भी विभाग को काफी दिक्कत आ रही है। मरीजों को ठीक से एडमिशन की डेट याद नहीं हैं। जबकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद ही किसी और अस्पताल में एडमिट हो गए थे। विभाग को ऐसे मरीजों को ढूंढने में भी दिक्कत आ रही है।
बंद होगा कोरोना अस्पताल जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा कम होने के बाद कोविड फैसिलिटी भी खाली होने लगी है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में होने वाले सरकारी खर्च से बचने के लिए शासन ने इन्हें बंद करने के निर्देश दे दिए हैं। इस संबंध में डीएसओ डॉ। प्रशांत ने बताया कि सरकारी मरीजों को प्राइवेट फैसिलिटी में एडमिट नहीं किया जाएगा। मरीज न होने के बाद भी यहां बिजली का बिल, स्टॉफ और साफ-सफाई का खर्च सरकार के खाते में आ रहा है। ऐसे में इन्हें बंद करने के निर्देश आ गए हैं। मरीजों का सरकारी इलाजकोरोना के मरीजों के सरकारी इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में ही सुविधाएं रहेंगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल में 30 बेड का कोविड वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल प्रशासन को ऑक्सीजन, वेंटीलेटर आदि को भी दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। डीएसओ डॉ। प्रशांत ने बताया कि फिलहाल मरीजों को मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया जाएगा। जिला अस्पताल में इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को एडमिट किया जाएगा। वहीं अपने खर्चे पर एडमिट होने वाले मरीज प्राइवेट अस्पतालों में एडमिट हो सकते हैं।