टीबी की अब हाईटेक जांच, सबसे ज्यादा मरीजों वाले इलाकों में लगीं तीन मशीनें
नॉर्मल के साथ गंभीर मरीजों को भी एक घंटे में मिलेगा इलाज
अगले महीने आएंगी दो और ट्रूनेट मशीनें, होगा फायदा meerut जिले में अब टीबी के मरीजों की जांच हाईटेक मशीनों से होगी। यहां जांच सेंटर्स पर ट्रृनेट मशीनें लगाई गई हैं। इसकी मदद से एक घंटे में ही पता चल सकेगा कि व्यक्ति टीबी का मरीज है या नहीं। इसके अलावा, टीबी के गंभीर मरीजों की पहचान भी तुरंत हो सकेगी। शासन की ओर से टीबी विभाग को प्रस्तावित 5 मशीनों में से तीन मशीनों से जांच शुरू हो गई है। दो और मशीनें जनवरी तक आने की संभावना है। जल्द िमलेगा इलाजजिले में टीबी के मरीजों की पहचान के लिए उन्हें अभी तक डीएमसी यानी डेजिगनेटिड माइक्रोस्कोपिक सेंटर्स पर जांच के लिए भेजा जाता है। इसमें स्लाइड बनाकर सैंपल जांच की जाती हैं, जिससे सिर्फ नार्मल टीबी का ही पता चला पता है। मरीज में टीबी की गंभीर स्थिति का पता लगाने के लिए सैंपल्स को हायर सेंटर्स या सीबी नॉट लैब सेंटर्स में भेजा जाता था। इसमें जांच रिपोर्ट आने और इलाज शुरू करने में ही विभाग को 1 से 3 दिन का समय लग जाता था। ट्रूनेट मशीन के जरिए अब घंटे भर में डीएमसी केंद्र पर ही जांच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
नहीं भटकेंगे मरीज टीबी की हाईटेक जांच के तहत विभाग की ओर से फिलहाल तारापुरी, साबुन गोदाम, रजपुरा डीएमसी पर ट्रूनेट मशीनें इंस्टाल की गई हैं। टीबी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन इलाकों में टीबी के मरीज अधिक मिलते हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को इससे बड़ा फायदा होगा। मरीजों को यहां-वहां नहीं जाना होगा। घंटे भर में ही रिपोर्ट आने के बाद मरीज को तुरंत ही इलाज मिल सकेगा। ऑनलाइन ट्रेनिंग ट्रूनेट मशीनों के संचालन के लिए एसटीएलएस यानी सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुप्रिटेंडेंट्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। ये ट्रेनिंग लखनऊ से मॉडरेट होगी, जिसमें सभी को मशीनों से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी। विभाग के 7 एसटीएलएस और 3 टीएमसी इस ट्रेनिंग का हिस्सा बनेंगे। --------- यहां लगी मशीनें - साबुन गोदाम - तारापुरी - रजपुरा शासन की ओर से 3 मशीनें आ चुकी हैं। दो मशीनें और आएंगी। इससे मरीजों ही समय पर जांच हो सकेगी और समय पर ही उनका सही ट्रीटमेंट शुरू हो सकेगा। डॉ। एमएस फौजदार, जिला टीबी अधिकारी