साहित्यिक महाकुंभ में विदेशों से आए साहित्यकार

आईआईएमटी विवि में शुरू हुआ तीन दिवसीय आयोजन

Meerut। बॉलीवुड फिल्मों की वजह से रूस, नार्वे जैसे देशों में भारतीय संस्कृति और ¨हदी भाषा के प्रति प्रेम बढ़ रहा है। विदेशी भारत को करीब से जानना चाहते हैं, लेकिन यह विडंबना है कि खुद भारत में अपनी भाषा को लेकर वह सम्मान और गौरव की अनुभूति नहीं होती। क्रांतिधरा साहित्य अकादमी और आईआईएमटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में विदेश से आए साहित्यकारों ने यह विचार व्यक्त किए।

देश-विदेश से जुटे साहित्यप्रेमी

सोमवार को शुरू हुए फेस्टिवल के मुख्य वक्ता नेपाल के वरिष्ठ साहित्यकार बंसत चौधरी ने कहा कि रामायण काल से शुरू हुआ भारत और नेपाल में रोटी-बेटी का रिश्ता आज तक कायम है। नेपाल में ¨हदी साहित्य लोकप्रिय है। रूस से आई वरिष्ठ साहित्यकार डॉ। मीनू शर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में ¨हदी भाषा को जानने-समझने वाले लोग हैं। रूस में कई ¨हदी नाटकों का रूसी भाषा में अनुवाद हुआ है। ¨हदी फिल्मों के माध्यम से रूस में ¨हदी जानने की ललक बढ़ी है।

Posted By: Inextlive