- सीसीएसयू में पत्रकारिता की शब्दावली पर बोले विशेषज्ञ

Meerut : ¨हदी को ¨हदी वाले लोग ही मुश्किल करते जा रहे हैं। पांच मिनट ¨हदी बोलने में वह कई शब्द अंग्रेजी के बोलते हैं। जब ऐसे शब्द ही समाज में प्रचलित होंगे तो नई पीढ़ी भी वैसे ही बोलेगी। आज हिंग्लिश वर्ग ¨हदी को खा रहा है। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव का। जो चौ। चरण सिंह विवि में ¨हदी विभाग और वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली की ओर से आयोजित वेबगोष्ठी में बोल रहे थे।

अंग्रेजी का प्रभाव

राहुल देव ने बताया कि ¨हदी के वरिष्ठ लोग अंग्रेजी के प्रभाव में हैं। तो बाकी का क्या हाल होगा। उन्होंने विदेशी शब्दों को अपने अनुकूल गढ़ने की वकालत की। बताया कि शब्दावली बनाने के तीन तरीके हैं - प्रथम अपने अनुकूल बनाना, दूसरा शब्द में सुधार करना, तीसरा शब्द को शामिल करना। लखनऊ विश्वविद्यालय के ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रसाद दीक्षित ने कहा कि अंग्रेजी के शब्द जो ज्यादा प्रचलित हो गए हैं। उन्हें प्रयोग करने में कोई हानि नहीं हैं। भारतीय भाषा में समांतर शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। देशज शब्द का प्रयोग भी करें। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के अध्यक्ष प्रो। गो¨वद सिंह ने कहा कि देवनागरी लिपि लगातार अपने प्रयोग से हट रही है और रोमन का प्रयोग बढ़ रहा है। ¨हदी पत्रकारिता का फैलाव तो बहुत हुआ है परंतु मानकता में कमी आयी है।

नए शब्द आए

शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो। अवनीश कुमार ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में नए शब्द आए हैं। आयोग इस क्षेत्र में कार्यरत है कि नए शब्दों से परिचित कराया जाए और वह सभी के लिए सुविधाजनक हो। उन्होंने बताया कि शब्दावली आयोग ने अभी तक नौ लाख शब्दों से अधिक शब्दों का निर्माण किया है। अब आवश्यक है कि हर क्षेत्र में इन शब्दों का प्रयोग करें। वेब गोष्ठी में संकायाध्यक्ष प्रो। नवीन चंद्र लोहनी, डा। र¨वद्र राणा, प्रवीण कटारिया, अंजू, जय सिंह, मोहनी, ममता, सौम्या पांडेय, डा। विद्यासागर सिंह आदि रहे।

Posted By: Inextlive