- कहीं होली के रंग को फीका न डाल दे कच्ची शराब

Mawana : होली के दिन नजदीक आने के चलते खादर क्षेत्र में कच्ची शराब की भट्ठियां धधकने लगी हैं। गंगा किनारे, तलहटी और पानी के स्त्रोत के आसपास माफिया भट्ठी बनाकर दिन रात कच्ची शराब तैयार कर वारे के न्यारे कर रहे हैं। पुलिस और आबकारी विभाग के अभियान के बाद भी माफिया बाज नहीं आ रहे हैं। आशंका है कि कहीं यह शराब होली रंग में भंग न डाल दे।

आबकारी विभाग को बता रहे धता

रामराज से परीक्षितगढ़ तक खादर क्षेत्र और गंगापार बिजनौर क्षेत्र में भी कच्ची शराब बनाने का धंधा कुटीर उद्योग के रूप में खूब फलफूल रहा है। पुलिस और आबकारी विभाग को धता बता कर माफिया रोजाना सैकड़ों लीटर कच्ची शराब का निर्माण कर धड़ल्ले से सप्लाई कर चांदी काट रहे हैं। होली नजदीक आते ही यह धंधा गति पकड़ने लगा है।

इन गांवों में फल फूल रहा धंधा

खादर क्षेत्र के वीरनगर, मीर्जापुर, कुंडा, गंगापार, शेरपुर, दूधली, लतीफपुर, किशोरपुर, जलालपुर जोरा, भीकुंड, दुपैडी चाव, डबल सुल्तानपुर, नीमका, दूधली, चेतावाला, खेडी कला, बधुआ, कुंडा समेत क्षेत्र के दर्जनों गांवों के जंगल में कच्ची शराब की भट्ठियां धधक रही हैं।

घटनाओं से नहीं लिया सबक

रामराज में वर्ष ख्009 में कच्ची शराब पीकर पांच लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष ख्0क्फ् में हस्तिनापुर की मनोहरपुर कालोनी में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी।

गंगा पार पुलिस भी नाकाम

खादर क्षेत्र में गंगा पार बसे गांवों में सूचना पर पुलिस नाव में सवार होकर पहुंचती है तब तक माफिया भाग निकलते है। कई बार पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा।

ये केमिकल होते हैं इस्तेमाल

कच्ची शराब निर्माण में आसपास जमा गंदा दुर्गंध युक्त पानी से लहन तैयार कर ज्यादा नशीला बनाने के लिए दर्द निवारक प्रोक्सीवान, स्पाच्मा प्रोक्सीवान दवाइयां मिलाई जाती हैं। इनसे किडनी पर बुरा असर होता है और अधिक सेवन से मौत हो सकती है।

जल्द ही खादर में अभियान चलाकर इस धंधे को जड़ से खत्म किया जाएगा।

-पीपी सिंहानिया, आबकारी निरीक्षक

Posted By: Inextlive