Meerut : बंगला नंबर 22बी के होटल का अस्थाई बार बंद कराने के बाद अब कैंट बोर्ड की नजर अन्य बार और लिकर शॉप पर भी टेढ़ी हो गई है. कैंट बोर्ड में यह खुलासा हुआ है. इस इलाके में जितने भी बार और लिकर शॉप हैं उनके पास कैंट बोर्ड की एनओसी नहीं है. करीब एक दर्जन तो ऐसी लिकर शॉप हैं जिनके बारे में कैंट बोर्ड को पता ही नहीं है. कैंट बोर्ड की लैंड पर ये लिकर शॉप्स अवैध रूप से चल रही है.


कहां है एनओसी?कैंट क्षेत्र में बनी लिकर शॉप और बार पर कभी भी गाज गिर सकती है। साथ ही कैंट बोर्ड द्वारा नोटिस देकर साफ पूछा जा सकता है कि क्या बार और लिकर शॉप खोलने से पहले कैंट बोर्ड से एनओसी ली थी? अगर नहीं ली थी तो क्यों? और एनओसी न लेने पर आप पर कार्रवाई क्यों न की जाए? ऐसे में कैंट क्षेत्र में बनी हुई लिकर शॉप और बार पर कोई जवाब नहीं होगा।चौंकाने वाली बात


22बी होटल के अस्थाई बार लाइसेंस को न जारी करने के बाद कैंट बोर्ड के सीईओ ने सभी बार और लिकर शॉप की जानकारी मांगी थी। जिनमें 99 फीसदी शॉप के पास कैंट बोर्ड से जारी होने वाली एनओसी नहीं थी। जिससे कैंट बोर्ड के सीईओ काफी चौंके थे। हद वाली बात तो तब थी जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि कई बार और लिकर कैंट बोर्ड के बंगलों में इललीगल बने हुए हैं। काफी समय से ये बेधडक़ चल रहे हैं। इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई।किसी को भी नहीं जानकारी

हैरत वाली बात तो ये भी है कि कैंट एरिया में 10 से अधिक ऐसे लिकर शॉप्स हैं जिनके बारे में कैंट बोर्ड को जानकारी नहीं है। न ही कभी इनके बारे में कोई जानकारी हासिल की गई। बोर्ड के अधिकारियों की माने तो आज तक किसी ने भी इनके लिए एनओसी नहीं ली जबकि कैंट एक्ट में भी प्रावधान है। आंकड़ों की बात करें तो 30 लिकर शॉप्स हैं जिनके पास आबकारी विभाग का लाइसेंस है। वहीं कैंट इलाके में करीब 15 बार चल रहे हैं।'कैंट में अगर किसी को लिकर शॉप और बार चलाना है तो उसके लिए पहले बोर्ड से एनओसी लेनी पड़ती है। लेकिन एक परसेंट को छोड़ दिया जाए तो किसी के पास एनओसी नहीं है.'- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive