खरखौदा में मिली हथियारों की फैक्ट्री
- बड़े-बडे़ गैंगों को सप्लाई किए जा रहे थे हथियार
- ऊधम सिंह के दो शूटर सहित पांच अभियुक्त गिरफ्तार Meerut: मेरठ को वैसे ही अपराध की कैपिटल नहीं कहा जाता। देहात के कई गांव ऐसे हैं, जहां 'मौत की फैक्ट्री' खुलेआम चल रही है और पुलिस जानबूझकर अंजान बनी हुई है। बुधवार को मेरठ क्राइम ब्रांच ने ऐसी ही एक फैक्ट्री को खरखौदा के हुमायूं नगर गांव से पकड़ा है। मौके से दर्जनों आधुनिक व देशी हथियारों सहित पांच अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया गया है। ये है मामलाबुधवार को क्राइम ब्रांच टीम को मुखबिर ने खरखौदा क्षेत्र में चल रही अवैध फैक्ट्री की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच टीम ने मयफोर्स के खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव हुमायूं नगर में रियाज बड्डा के घर छापा मारा, जहां हथियारों की बहुत बड़ी फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस ने मौके से दर्जनों आधुनिक व देसी हथियार बरामद किए। उसके साथ ही हथियार बनाने का सामान भी कब्जे में लिया। मौके पर मौजूद उधम के दो शूटरों सहित पांच अभियुक्तों को भी गिरफ्तार भी किया है।
हथियारों की सप्लाईपूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि फैक्ट्री चलाने का सरगना फकरू इजराइल व सुनील उर्फ भगत है। इनके यहां से बने हथियारों की सप्लाई मुकीम काला, ऊधम सिंह, बदन ंिसंह बद्दो, सुशील मूंछ के गैंगों को होती थी। गिरफ्तार अभियुक्त सुनील ने बताया कि वह उधम सिंह के लिए काम करता है। फैक्ट्री से वेस्ट यूपी के बिजनौर, बागपत, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद आदि जिलों में सप्लाई की जाती है।
भिजवाई पिस्टल सुनील ने बताया कि 15 दिन पहले ऊधम सिंह से जेल में मिलाई के लिए गया था। उसी के कहने पर बिजनौर निवासी रवि त्यागी को दो पिस्टल भिजवाई हैं। गिरफ्तार अभियुक्त -सोनू पुत्र बुद्ध प्रकाश निवासी ग्राम पावटी थाना जानी मेरठ -सुनील कुमार उर्फ भगत पुत्र कालूराम निवासी ग्राम करनावल थाना सरूरपुर मेरठ -कपिल पुत्र यतेन्द्र निवासी करनावल थाना सरूरपुर मेरठ -ईसराइल पुत्र इस्माईल ग्राम पांची थाना चांदीनगर बागपत -फकरू पुत्र मुंशी निवासी ग्राम हुमायूनगर थाना खरखौदा मेरठ बरामदगी 2 पिस्टल 32 बोर 6 तमंचे 315 बोर 5 तमंचे 12 बोर हथियार बनाने के विभिन्न उपकरण एक एल्टो कार हुमायू नगर में पकड़ा हथियारों का जखीरा चुनाव की तैयारी के लिए नहीं है। ये तो पेशेवर अपराधी हैं, जमीनों पर कब्जे करना और कई गैंगस को हथियारों की सप्लाई करना इनका मुख्य धंधा है। इन फैक्ट्रियों को खोजने के लिए पुलिस लगी है। -आलोक शर्मा, आईजी मेरठइस तरह की फेक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ पूरे जोन में पुलिस काम कर रही है। यदि कहीं भी फेक्ट्री मिलेगी तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
-रमित शर्मा, डीआईजी मेरठ, क्राइम ब्रांच टीम ने सराहना का काम किया है। अवैध हथियारों की फैक्ट्री से विभिन्न गैंगों को असलाह सप्लाई किया जाता था। टीम का हौसला बढ़ाने के लिए डीआईजी रमित शर्मा ने टीम को 12 हजार रुपए से पुरस्कृत किया है। -दिनेश चंद्र दुबे, एसएसपी मेरठ आंकड़ों में छिपी सच्चाई वेस्टर्न यूपी के 13 जिलों का डेटा देखने पर पता चलता है कि 1 जनवरी 2010 से 30 जनवरी 2014 तक कुल 27 हजार छह सौ अवैध असलहों को जब्त किए हैं जिसमें से करीब 15 हजार देशी तमंचे हैं जबकि पुलिस ने साढ़े 12 हजार ऑटोमैटिक हथियार जब्त किए हैं। पांच सालों में 126 तमंचा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई हैं। हथियार @ हत्या मेरठ में गत पांच वर्षो में 2400 सौ तमंचे पकड़े गए जबकि अवैध हथियार से 300 से अधिक लोगों की हत्या हुई। सर्वाधिक गाजियाबाद जनपद में 2700 तमंचे पकड़े गए जिनसें 580 हत्याएं की गई। बुलंदशहर में दो हजार अवैध हथियार पकड़े गए जिनसे सवा चार सौ लोगों की हत्या की गई।हथियारों का बड़ा कारोबार
9 मार्च 2015 : पुलिस टीम ने सरधना के पिठलोकर गांव में छापा मारकर बंद गन्ना फैक्ट्री में बन रहा अवैध हथियार पकड़ा। साथ ही मौके से पकड़े अभियुक्तों को जेल भेजा है। 5 जनवरी 2015 : बहसूमा पुलिस ने मोहल्ला रामकटोरी में स्थित मकान में चल रही तमंचा फैक्ट्री में छापा मारकर बने और अधबने सैकड़ों तमंचे सहित 4 लोगों को पकड़ा। 30 दिसंबर 2014 : मेरठ पुलिस ने ग्राम झब्बापुरी के जंगल में मुर्गी फार्म पर छापा मारकर तमंचे बनाने की फैक्ट्री पकड़ी। 27 जून 2014 : पुलिस ने मुंडाली के नंगलामल गांव में घर के अंदर अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।