कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के संभावनाओं के बीच शहर के चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं से मरीजों की परेशानियां बढ़ती जा रही है। पिछले एक सप्ताह से मेडिकल कालेज के जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की प्रदेश स्तर की हड़ताल जारी है। इसके चलते मेडिकल कालेज की ओपीडी से लेकर जिला अस्पताल सीएचसी और पीएचसी तक की सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं।

मेरठ (ब्यूरो)। नीट काउंसिलिंग में देरी के विरोध में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स का कार्यबहिष्कार पिछले शनिवार से जारी है। इसके तहत जूनियर डाक्टर्स ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करे हुए हैं।

की गईं व्यवस्थाएं
हालांकि, इस कार्य बहिष्कार से मरीजों को परेशानी ना हो इसके लिए मेडिकल कालेज प्रबंधन ने सीनियर डॉक्टर्स के स्टॉफ को ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में तैनात किया हुआ है लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाएं बिगड़ी हुई हैं। मरीजों की जांच सुविधाओं से लेकर ट्रीटमेंट तक की सुविधा नही मिल पा रही हैं।

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल
वहीं दूसरी तरह एनएचएम संविदा कर्मचारियों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही। हड़तालियों ने समाधान न निकलने पर कर्मचारियों ने शनिवार को भी अनशन जारी रखते हुए जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी पीएचसी तक की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित रखा। इसके चलते सबसे अधिक असर शहर में जारी फोकस सैंपलिंग से लेकर वैक्सीनेशन पर पड़ रहा है।

सीमित हो गया टारगेट
रोजाना 75 हजार वैक्सीनेशन का टारगेट 20 से 22 हजार तक सीमित हो कर रह गया है। वहीं फोकस सैंपलिंग में भी इस हड़ताल के कारण स्टॉफ नही मिल पा रहा है। नर्सिंग स्टॉफ की मदद से फोकस सैंपलिंग कराई जा रही है। इससे फोकस सैंपलिंग का एवरेज भी 10 से 12 हजार प्रतिदिन तक सीमित है।

सात सूत्रीय मांगे
संविदा कर्मचारी संगठन अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इन मांगों में नियमितीकरण, समायोजन, पदों का विभाग में सृजन करना, वेतन पॉलिसी व वेतन विसंगति को दूर करना, सातवें वेतन आयोग का लाभ, जॉब सिक्योरिटी, रिक्त पदों पर गैर जनपद स्थानांतरण की सुविधा, आउटसोर्स नीति को खत्म करना, बीमा पॉलिसी, आशा बहुओं का नियत मानदेय समय पर दिया जाना शामिल हैं।

Posted By: Inextlive