- यूपी बोर्ड मूल्यांकन में चंद घंटे भी टिक न पाए शिक्षक।

- शिक्षकों की खूब खली सेंटर पर कमी, डीआईओएस ने लेनी शुरु कर दी खैर खबर।

Meerut सालभर क्लास में न रूकने वाले शिक्षक स्वयं ही अपने काम में फेल नजर आए। जो बोर्ड की मूल्यांकन प्रक्रिया में परीक्षक बनाए गए हैं। वहीं आधे शिक्षक केंद्रों से नदारद नजर आ रहे हैं। पहले से ही शिक्षकों के बहिष्कार के चलते मूल्यांकन की प्रक्रिया में देरी हो चुकी है।

आधे निरीक्षक रहते हैं गायब

मेरठ में जीआईसी, डीएन इंटर कॉलेज, एसएसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज और बीएवी इंटर कॉलेज चारों सेंटर पर मूल्यांकन कार्य चल रहा है। शासन ने हर हाल में क्भ् अप्रैल तक मूल्यांकन का काम पूरा करने के लिए आदेश दिए हैं। सोमवार भी सेंटरों पर आधे ही निरीक्षक पहुंचे आधे निरीक्षक मूल्यांकन के लिए पहुंचे ही नहीं। लगातार सेंटरों पर निरीक्षकों की एबसेंट को लेकर आलाधिकारी भी चिंता में हैं। जीआईसी पर म्00 में से फ्00 के आसपास और डीएन इंटर कॉलेज में म्ख्9 शिक्षकों में से फ्87 ही निरीक्षक पहुंचे। बीएवी में म्00 में से आधे व एसएसडी में भी आधे ही निरीक्षक मूल्यांकन के लिए पहुंचे।

डीआईओएस कर रहे हैं तैयार रिपोर्ट

यूपी बोर्ड में मूल्यांकन के प्रति निरीक्षकों को नदारद होता देख केंद्रों से भी डीआईओएस को शिकायत पहुचाई गई है। लगातार आती शिकायतों को देखते हुए डीआईओएस ने भी अब काम से मुंह फेरते निरीक्षकों की सूची तैयार करनी शुरु कर दी है। डीआईओएस ने इस संबंध में हर सेंटर से रिपोर्ट भी ली है।

एक रोल नम्बर की निकली दो कॉपी

शिक्षा मंत्री ने भले ही नकलविहीन परीक्षा कराने के बहुत से दावें किए हो, लेकिन नकल माफिया के सामने शिक्षा मंत्री की यह योजना फेल होती नजर आ रही है। सोमवार को जीआईसी सेंटर पर इंटर की इंग्लिश विषय की एक ही रोल नम्बर की निकली दो कॉपियों ने नकलमाफिया की पोल खोली। जौनपुर के आए एक बंडल में निकली एक ही रोल नम्बर की दो कॉपियों को देखकर ऐसा लग नकल का पता लग रहा था।

Posted By: Inextlive