बरसात से पहले शहर को जलभराव की समस्या से बचाने और बरसात का जल संरक्षित करने के उददेश्य से शहर में जगह जगह लगाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और कैच द रेन अभियान के तहत प्रस्तावित काम बरसात के पानी में गुम हो गए हैं।

मेरठ (ब्यूरो)। बारिश में शहर में जगह जगह जलभराव ने नगर निगम की लापरवाही की पोल खोल दी। हार्वेस्टिंग सिस्टम की कमी होने के कारण से शहर की गलियों से लेकर मुख्य सड़कों पर जलभराव भी हो रहा है और जलसंरक्षित भी नही हुआ।

अभियान की अधूरी तैयारी
जल संरक्षण और शहर को जलभराव से बचाने के लिए गत वर्ष बरसात से पहले केंद्र सरकार ने कैच द रेन अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत वर्षा जल संचयन की जिम्मेदारी कई विभागों को सौंपी गई थी। इसमें सबसे प्रमुख काम नगर निगम को करना था। इसके लिए जल संचयन के काम को गति देने के निर्देश भी जारी हुए थे। लेकिन सभी निर्देशों और योजनाओं पर काम केवल कागजों तक सीमित रहा। इस अभियान के तहत निर्धारित एक भी योजना पर काम नही हुआ जिस कारण से शहर में मानसून की पहली बरसात के बाद चारो तरफ जलभराव ही दिखाई देना शुरु हो गया है।

कागजों में हो रहा जल संचय
इस अभियान के तहत आम आदमी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सहित जल संचयन की अन्य योजनाओं की जानकारी पहुंचाने से लेकर योजना का प्रचार प्रसार तो किया गया लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का ही रखरखाव नही हो सका। अधिकतर सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जाम हुए पड़े हैं या बंद हैं। इससे अलग शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की रिपेयरिंग और नए सिस्टम लगाने से लेकर सड़क किनारे बरसात के पानी को एकत्र करने के लिए क्यारियां, स्प्रिंकलर सिस्टम, ड्रिप इरिगेशन, रेन वाटर टैंक, साइफन स्थापित करने के साथ साथ हैंड पंप के बोरिंग की रिपेयरिंग तक की योजना गत वर्ष बनाई गई थी लेकिन अभी तक योजनाओं पर काम शुरु नही हुआ है।

विभागों को सौंपी थी जिम्मेदारी
कैच द रेन अभियान के लिए सरकार द्वारा भूगर्भ जल विभाग, नगर निगम, एमडीए, वन विभाग, उद्यान विभाग, लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, ग्राम विकास विभाग, जल निगम समेत अन्य विभागों को जल संचयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इनमें से एमडीए और नगर निगम को शहर में सरकारी विभागों, पार्कों व बेकार हैंडपंप के पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन ना तो शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपडेट हुए और ना ही खराब हैंड पंप रिपेयर हो सके हैं।

कैच द रेन अभियान के तहत काम शुरु किया जा चुका है। हैंड पंप की मार्किंग से लेकर रिपेयरिंग हो रही है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की भी जांच कराई जा रही है। जलसंरक्षण के लिए लोगों को जागरुक कर तरीके बताए जा रहे हैं।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

Posted By: Inextlive