वचुर्अल मीटिंग में की मुददे की बात, मेरठ कॉलेज में किया गया मीटिंग का आयोजन

Meerut। जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख अध्ययन केंद्र, मेरठ चैप्टर एवं रक्षा अध्ययन विभाग, मेरठ कॉलेज के तत्वावधान में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का शुभारंभ किया गया। यह दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार जम्मू कश्मीर: अतीत वर्तमान और भविष्य पर आधारित है। पहले दिवस के प्रथम सत्र का विषय 4 अगस्त 2019 से पहले का जम्मू कश्मीर रहा।

इस सत्र की अध्यक्षता गौतम बुद्ध विश्व विद्यालय, ग्रेटर नोएडा के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने की। जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली के निदेशक आशुतोष भटनागर प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता रहे। द्वितीय सत्र का विषय 5 अगस्त 2019 के बाद का जम्मू कश्मीर, अधिवासन एवं परिसीमन रहा। जिसकी अध्यक्षता भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली के प्रोफेसर अनुराग दीप ने की।

कुछ लोगों ने लिया लाभ

आशुतोष भटनागर ने कहाकि दूर्भाग्य है कि भारत में दो प्रकार की व्यवस्था चल रही थी। अंग्रेजों के द्वारा अनिर्णय की स्थिति बनाई गई थी। 1950 के बाद भी वहां के लोग मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाए थे। कुछ ही मुट्ठी भर लोगों ने सारा लाभ लिया। पिछले वर्ष महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जम्मू-कश्मीर में अनैतिक गठजोड़ है जो अभी भी मांग कर रहा है कि 35 ए को पुनर्जीवित किया जाए। इस स्थिति को बदलने की मांग लागू नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। वहां की जनता ने भी भरपूर सहयोग दिया है। एक षड्यंत्र था जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को अलग-थलग करके रखा गया।

नेहरू से हुई गलती

हमारा मानना रहा है कि कश्मीर समस्या नहीं थी, कश्मीर में समस्या थी। कश्मीर में समस्या इसलिए थी कि वह भारत है। अगर वह भारत नहीं होता तो वहां कोई समस्या नहीं थी। भारत की समस्या को भारत को सुलझाना था। इस समस्या को सुलझाने के लिए जिस दिन भारत खड़ा हो गया, सरकार ने निर्णय ले लिया। वीसी प्रो। भगवती प्रकाश शर्मा ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कि जम्मू-कश्मीर का अतीत में भी वर्णन है, पुराणों में भी वर्णन है और वाल्मीकि रामायण और त्रेता युग में वर्णन देखने को मिलता है। माउंटबेटेन ने मुहम्मद अली जिन्ना को वचन दिया था कि इसका विलय पाक में होगा। माउंटबेटेन ने यही वचन हरिसिंह को भी दिया। यानि कि माउंटबेटेन ने शुरू से ही कन्फ्यूजन बनाए रखा। नेहरू जी ने छठवें अध्याय में यूएनओ में इस मामले को उठाया, जबकि उन्हें यह सातवें अध्याय में उठाना चाहिए था।

Posted By: Inextlive