- किशोरों की फरारी और सिपाही की शहादत के बाद भी दो पुलिस कर्मियों के हवाले सुधार गृह

- आए दिन होने वाले बवाल के बावजूद दो पुलिस कर्मियों की तैनाती पुलिस प्रशासन पर बड़ा सवाल

Meerut: किशोरों की फरारी हो या फिर आए दिन होने वाले बवाल पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है। जी हां जिस बाल सुधार गृह में पुलिस कर्मी की हत्या हो जाती हो, जिस गृह में बवाल आए दिन की कहानी बन गए हो उस गृह की सुरक्षा और निगरानी के लिए दो कांस्टेबल और एक होमगार्ड लगा रखा है। हालात को देखते गृह में काफी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात करना आज की आवश्यकता बन गया है।

धराशायी हो जाती है योजना

किशोरों के बवाल और फरारी को लेकर मेरठ के अधिकारी से लेकर लखनऊ के आला अधिकारी तक योजना बनाते रहते है। कि किस प्रकार खूंखार बंदियों की तानाशाही पर लगाम लगाया जाए। इसको लेकर लखनऊ के आला अधिकारी तक लोकल अधिकारियों का मार्गदर्शन करते है। लेकिन जितने भी प्लान पुलिस प्रशासन द्वारा तैयार किए जाते है सब धरे हो जाते है। इतनी बड़ी संख्या में किशोरों का फरार होना। किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। नए एसएसपी सुभाष सिंह बघेल को भी चुनौती बंदियों द्वारा दे दी गई है। किशोर बंदी कितने खूंखार और प्रभावशाली है यह बदमाशों ने नए कप्तान को भी दिखा दिया है। एसएसपी सुभाष सिंह बघेल ने बताया कि बाल संप्रेक्षण गृह में पुलिस फोर्स की तैनाती ढंग से की जाएगी।

Posted By: Inextlive