- यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर लगातार हो रहे रिटायर, भर्ती हो नहीं रही

- बचे हुए प्रोफेसर के जिम्मे यूनिवर्सिटी का प्रशासन और डिपार्टमेंट

- प्रशासनिक के साथ संभाल रहे दो-दो डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी

- प्रोफेसर के रिटायरमेंट के बाद कई प्रोफेसर्स को मिली नई कुर्सीे

- सभी को दी गई बड़ी जिम्मेदारी, पढ़ाई पर असर होना लाजमी

- पहले क्लास में स्टूडेंट्स को देखते थे अब ऑफिस में देखेंगे

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में लगातार प्रोफेसर्स के रिटायरमेंट हो रहे हैं। इसके बावजूद लंबे समय से यूनिवर्सिटी में भर्तियां नहीं हुईं। इस वक्त आधे से भी कम टीचिंग स्टाफ यूनिवर्सिटी में रह गया है। वहीं बचे हुए प्रोफेसर्स को यूनिवर्सिटी ने डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी भी सौंप दी है। ऐसे में जो प्रोफेसर पढ़ाने के लिए हैं उनको यूनिवर्सिटी की व्यवस्था संभालने में लगाया गया है। व्यवस्था देखने वालों के पास स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए समय नहीं है। अब वे प्रशासनिक काम में लग गए हैं।

ये हुए रिटायर

हाल में यूनिवर्सिटी से कई प्रोफेसर रिटायर हुए, जिनमें तत्कालीन प्रो। वीसी प्रोफेसर जेके पुंडीर, प्रोफेसर एचएस बालियान, बी रमेश, एनसी लोहानी और प्रोफेसर अशोक कुमार शामिल हैं। जेके पुंडीर प्रो वीसी की कुर्सी के साथ सोशियोलॉजी व मासकॉम डिपार्टमेंट के हेड भी रहे। प्रोफेसर एचएस बालियान जेनेटिक व प्लांट ब्रीडिंग के हेड होने के साथ डीन डीएसडब्ल्यू भी रह चुके हैं। वहीं बी रमेश डीन एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के साथ हाल में पेपर आउट की जांच कमेटी में रहे थे।

भर्ती हो नहीं रही

इनसे पहले भी लगातार प्रोफेसर रिटायर होते आ रहे हैं और इनके साथ ही कुछ और लाइन में लगे हुए हैं। हाल में रिटायर हुए इन प्रोफेसर की जगह यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट की कई सीटें खाली हो गई। खाली सीटों को भरने के लिए यूनिवर्सिटी ने डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स को साथ लिया। जहां डिपार्टमेंट में पहले ही प्रोफेसर की कमी हैं अब और कमी हो गई। यूनिवर्सिटी ने परीक्षा नियंत्रक रहे बायोलॉजी के प्रोफेसर एचएस सिंह को प्रति कुलपति बना दिया। वहीं इनकी जगह परीक्षा नियंत्रक के पद पर मैथ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मृदुल गुप्ता को तैनात कर दिया गया।

मूल्यांकन समन्वयक बनाए गए

इसी क्रम में अर्थशास्त्र डिपार्टमेंट के प्रोफेसर सुधीर शर्मा को मूल्यांकन केंद्रों के सफल संचालन व पर्यवेक्षण के लिए मूल्यांकन समन्वयक नियुक्त किया गया। इन सभी प्रोफेसर को मैनेजमेंट में लेने के बाद डिपार्टमेंट की हालत खस्ता होती नजर आ रही है। यहां पहले से ही प्रोफसर्स की कमी खल रही है। लंबे अर्से से इस यूनिवर्सिटी में एसोसिएट्स प्रोफेसर के लिए भर्तियां नहीं हुई। लोग रिटायर हो रहे हैं और सीटें खाली। फिलहाल स्थिति ये है कि जो वीसी ऑफिस के बाहर बोर्ड लगा है और उसमें दर्शाए गए प्रोफेसर की संख्या फिलहाल काफी कम हो चुकी है।

प्रशासन देखें या डिपार्टमेंट

माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर पीके शर्मा इस वक्त वाइस चांसलर के पीआरओ का पद संभाल रहे हैं। साथ ही प्रोफेसर बी रमेश के रिटायरमेंट के बाद इनको डीन एग्रीकल्चर बना दिया गया। अब पीके शर्मा दो डिपार्टमेंट और पीआरओ का पदभार संभाल रहे हैं। बॉटनी में प्रोफेसर वाई विमला को एडमिशन कोऑॅर्डिनेटर के साथ डीएसडब्ल्यू और डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं प्रोफेसर मृदुल गुप्ता को मैथ डिपार्टमेंट के साथ एग्जाम कंट्रोलर बना दिया गया है।

वाइस चांसलर के बोर्ड पर

वाइस चांसलर के बोर्ड पर लगी जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी में इस वक्त ख्म् प्रोफेसर, क्7 रीडर और आठ लेक्चरर हैं। इस लिस्ट में भी चार प्रोफेसर पिछले महीने कम हो गए। वहीं यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट में अगर प्रोफेसर, रीडर और लेक्चरर की स्थिति देखें तो डिपार्टमेंट में एक प्रोफेसर होना चाहिए, एक रीडर और लेक्चरर सब्जेक्ट के हिसाब से होने चाहिए। जब यह यूनिवर्सिटी क्9म्भ् में बनी थी तब यहां मैथ, फिजिक्स, एजी बॉटनी, बॉटनी, संस्कृत, साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी, एजुकेशन, इंग्लिश, पॉलिटिकल साइंस, संस्कृत समेत कुल ग्यारह सब्जेक्ट थे।

अपने करते हैं समस्या

यूनिवर्सिटी में हाल ये है कि प्रोफेसर की कमी के चलते रिसर्च पर प्रभाव पड़ रहा है। स्टूडेंट्स सही से स्टडी नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें गाइड लाइन देने वाले प्रोफेसर्स नहीं हैं। नेट इंस्पेक्शन के लिए भी प्रोफेसर्स की आवश्यकता है। पिछले दस साल से इस यूनिवर्सिटी में जब भी प्रोफेसर्स की भर्ती के लिए कोशिश की जाती है तो समस्या अपने ही खड़ी कर देते हैं। कोई न कोई प्रोफेसर कोर्ट पहुंच जाता है और फिर नियुक्तियों पर रोक लग जाती है। इस बार भी प्रोफेसर और एसोसिएट्स प्रोफेसर के रिक्रूटमेंट को विज्ञापन निकलने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

ब्0 रिक्रूटमेंट के लिए विज्ञापन

फिलहाल यूनिवर्सिटी को करीब चालीस प्रोफेसर्स व एसोसिएट्स प्रोफेसर की आवश्यकता है, जिसके लिए जून जुलाई में प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन किसी कारणवश वह प्रक्रिया नहीं हो पाई। अब इस भर्ती के लिए विज्ञापन निकालकर सितंबर तक भर्तियां पूरी करनी है, जिसके लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन लगा हुआ है। रिक्रूटमेंट डिपार्टमेंट इसके लिए जल्द ही विज्ञापन निकालेगा। ताकि स्टूडेंट्स को रिसर्च वर्क के लिए गाइड और पढ़ाने के लिए अच्छा प्रोफेसर मिल सके। इस बार भी अगर कोई अड़ंगा नहीं लगा तो ये भार्तियां पूरी कर ली जाएंगी।

यूनिवर्सिटी में करीब चालीस प्रोफेसर व एसोसिएट्स प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए कार्रवाई चल रही है। यह भर्ती सेशन से पहले ही होनी थी। सबकुछ ठीक रहा तो सितंबर तक भर्ती कर ली जाएंगी। आए दिन प्रोफेसर रिटायर हो रहे हैं और यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर्स की कमी होती जा रही है। यह प्रक्रिया काफी समय से चल रही है, लेकिन कुछ न कुछ समस्या आती रहती है। हम निष्पक्ष भर्ती कराने की कोशिश में हैं, जो यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट्स के हित में होगी। भर्ती के बाद स्टूडेंट्स को रिसर्च में हेल्प के लिए गाइड लाइन देने वाले प्रोफेसर होंगे। ताकि वे आसानी से रिसर्च कर सकें।

- डॉ। हरिश्चंद्र, डिप्टी रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive