तस्करों ने रखे हैं एजेंट, वही पहुंचाते हैं जगह-जगह माल

मेरठ में हर माह सप्लाई हो रहा करोड़ों रूपये का गांजा

गेहूं-आटे के बीच छिपाकर उड़ीसा से लाते हैं गांजा

Meerut । मेरठ में नशे का कारोबार बड़े पैमाने पर फैल रहा है। लालकुर्ती पुलिस द्वारा नशीले पदार्थ की खेप पकड़े जाने के बाद यहां की सप्लाई पर भी फोकस किया जा रहा है। मेरठ में चरस-गांजे का सबसे बड़ा केंद्र भूसा मंडी, मछेरान एरिया है। यहां से पूरे मेरठ में चरस-गांजा की सप्लाई होती है। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश से गांजा मेरठ में माफिया के पास पहुंचता है। यहां से पूरे शहर में सप्लाई होता है। माफिया ने अपने यहां एजेंट भी रखे हुए हैं, जो जगह-जगह गांजे की सप्लाई करते है। हुक्का बार से लेकर कॉलेजों के आसपास भांग के ठेकों तक सप्लाई की जो चेन है, वह रेलवे रोड से चलती है। एसटीएफ के मुताबिक अब तक जितनी भी कार्रवाई मेरठ में की गई है, उसमें मछेरान का नाम सबसे ज्यादा बार सामने आया है। यहां से बड़ी खेप की सप्लाई पूरे शहर में होती है। एसटीएफ मेरठ यूनिट एक साल में 250 कुंतल गांजा बरामद कर चुकी है।

बरेली से भी आता है माल

एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि बरेली नशीले पदार्थ बेचने का सबसे बड़ा अड्डा वेस्ट यूपी में बना हुआ है। पिछले दिनों जो तस्कर पकड़े गए थे, उन्होंने यह बात बताई थी। कई बार मेरठ और एनसीआर में सख्ती होती है तो माल वहां तक नहीं पहुंच पाता हैं। ऐसे में पूरी खेप बरेली में तस्करों के पास उतार देते हैं। वहां से तस्कर अपने अनुसार बात करके समय निर्धारित करके मंगा लेते है। इसके बाद मेरठ में सप्लाई हो जाती है। यदि कोई चेकिंग नहीं होती तो सीधा तस्कर मेरठ में रेलवे रोड पर माल उतरवा देते है। मेरठ आते वक्त तस्कर कई जिलों में गांजा उतार कर आते है।

मेरठ में सप्लाई चेन

मेरठ में तस्कर कई तरीके से गांजा सप्लाई करते है। रेलवे रोड पर कई गांजे के तस्कर है। कइयों ने अपने गुर्गें रखे हुए है। आसपास के लोगों को भांग के ठेके से गांजा मिल जाता है। भांग के ठेकों तक गुर्गें गांजा पहुंचा देते है। दूसरा देहात और आउटर में बड़े पैमाने पर गांजे की मांग रहती है। तस्कर उनके पास किलो के हिसाब से माल पहुंचा देते हैं। गांजे की सप्लाई मवाना, सरधना और किठौर में भी अधिक मात्रा में होती है। मेरठ में बड़ा नेटवर्क गांजे का चल रहा है। खास बात यह है कि शहर और देहात दोनो में सप्लाई बराबर मात्रा में होती है।

छिपाकर लाते हैं गांजा

मेरठ में जब भी बड़े पैमाने पर एसटीएफ ने गांजा पकड़ा है तो कभी एंबुलेंस तो कभी गेहूं की बोरियों में छिपाकर लाते हुए पकड़ा है। माल पकड़ में न आए, इसके लिए जुगत लगाई जाती है। गेहूं, आटा की बोरी में इस तरह से भेजते हैं कि पुलिस को शक न हो सके। ऐसे कई मामले मेरठ में सामने आए हैं, जिनमें छिपाकर गांजा लाया जा रहा था। एसटीएफ ने टीन की चादरों में छिपाकर लाया जा रहा गांजा भी पकड़ा है।

दो हजार किलो की खपत

मेरठ जिले की ओवर ऑल बात की जाए तो करीब दो हजार हजार किलो की सप्लाई महीने में हो जाती है। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक करीब दो हजार किलो गांजा मेरठ जिले में खपाया जाता है। आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में करीब पांच हजार रूपये किलो मिलने वाला गांजा यहां आकर 20 हजार रूपये किलो में बिकता है।

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पकड़ा गया गांजा

21 फरवरी 2020 : उड़ीसा के कटक से ट्रक में छिपाकर गांजे की खेप मेरठ और फिरोजाबाद में लाई जा रही थी। एसटीएफ ने एटा में ट्रक पकड़ लिया। ट्रक के अंदर से 204 किलो गांजा बरामद किया गया था।

6 फरवरी 2020 : एसटीएफ ने कैराना से बड़ी मात्रा में स्मैक के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। आटे की बोरियों में छिपाकर नशीला पदार्थ लाए थे।

13 नवंबर 2019 को नौचंदी पुलिस ने गांजे की बड़ी खेप पकड़ी। उड़ीसा से आगरा के रास्ते ट्रक में गांजा मेरठ आ रहा था। गांजा ट्रक में स्टील की चादरों के बीच में छिपाकर लाया जा रहा था।

12 नवंबर 2019 : सदर पुलिस ने बीएसएफ जवान के बेटे को चरस की खरीदारी करते रंगे हाथ पकड़ लिया था। वह और उसका एक साथी मछेरान में रहने वाले सौदागर तस्लीम से चरस की खरीदारी करने आए थे।

14 जुलाई 2019 : एसटीएफ ने सरूरपुर के भूनी चौराहे से दो तस्करों को 235 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। ये गांजे को गेंहू की बोरियों में छिपाकर लाए थे।

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मेरठ में हमारी टीम लगातार चरस-गांजा पकड़ती रहती है। एक साल में हमारी टीम ने करीब 250 कुंतल गांजा पकड़ा है। उड़ीसा से सबसे अधिक मात्रा में गांजा मेरठ में आता है।

बृजेश सिंह

सीओ, एसटीएफ

Posted By: Inextlive