प्रदेश में कुल पांच केंद्र बनेंगे, जमीन चिन्हित

पांच करोड़ का खर्च, सात जिलों को करेगा कवर

Meerut। गांवों में पहुंचकर दुर्घटना का शिकार होने वाले तेंदुओं को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। हस्तिनापुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से तेंदुआ रेस्क्यू केंद्र बनेगा। सहारनपुर से अलीगढ़ तक सात जिलों में पकड़े गए तेंदुओं को इसी केंद्र में रखा जाएगा। इलाज करने के बाद पुन: जंगल में छोड़ दिया जाएगा। बता दें कि मेरठ के किठौर क्षेत्र में तीन तेंदुए देखे गए हैं। इन्हें पकड़ने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किया गया है।

नए रेस्क्यू सेंटर को मंजूरी

वन संरक्षक गंगा प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मेरठ, पीलीभीत, चित्रकूट, सोहागीबरवा और हस्तिनापुर में नया रेस्क्यू सेंटर बनाने की स्वीकृति दी है। मेरठ समेत पांच जिलों में 2073 वर्ग किमी। क्षेत्रफल से गुजरने वाली हस्तिनापुर वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी से हर साल तेंदुए भटककर मानव बस्तियों में पहुंच जाते हैं। इस बेल्ट में बिजनौर में सर्वाधिक तेंदुए हैं। तेंदुओं को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने के दौरान कई बार इनके पंजे बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। रेस्क्यू के दौरान घायल हुए तेंदुओं को चिडि़याघरों में भेजा गया है।

सभी सुविधाएं होंगी मौजूद

वन विभाग का प्रयास है कि तेंदुओं को सुरक्षित तरीके से जंगल में भेजा जाए। आगरा में पहले ही भालू का रेस्क्यू सेंटर बन चुका है। विभागीय रिपोर्ट बताती है कि प्रशिक्षित स्टाफ, ट्रैंकुलाइजिंग गन, बड़ा पिंजरा और पशु डाक्टरों की भी नियुक्ति होगी। मेरठ में पिछले पांच साल में कई बार देखा जा चुका है।

Posted By: Inextlive