Meerut: अगर आप फॉरेन राइटर्स की बुक्स पढऩे के शौकीन हैं. साथ ही अपनी नॉलेज गेन करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. मेरठ कॉलेज ने एक अनूठी पहल करते हुए स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन लाइब्रेरी की व्यवस्था की है. इससे स्टूडेंट्स अपने घर में बैठे-बैठे उन किताबों को पढऩे के अलावा उन्हें अपने लिए डाउनलोड भी कर सकते हैं. ये सुविधा स्टूडेंट्स के लिए पूरी तरह से मुफ्त है.

तो ये है वो लाइब्रेरी
मिनिस्ट्री ऑफ एचआरडी के तत्वावधान में आईआईएम गुजरात और गांधीनगर यूनिवर्सिटी इनफ्लिब एन लिस्ट नाम की वेबसाइट रन की जा रही है। एन लिस्ट जिसका मतलब नेशनल लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन सर्विसेज नाम इंफ्रास्ट्रक्चर फोर स्कोलरी कंटेंट है। इस वेबसाइट में देशभर के 2268 गवर्नमेंट 946 प्राइवेट कॉलेज मेंबर हैं। मौजूदा समय में इस वेबसाइट के 5.6 लाख यूजर हैं।
ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज
की बुक्स पढऩे का मौका
इस लाइब्रेरी में ऑक्सफोर्ड और  कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के अलावा अमेरिका की कई यूनिवर्सिटी की बुक्स का काफी बड़ा भंडार है। इस ऑनलाइन लाइब्रेरी में 6000 से ज्यादा ई-जर्नल्स और 97000 से ज्यादा ई बुक्स मौजूद हैं। इन्हें आसानी से पढ़ा भी जा सकता है। इस लाइब्रेरी में फिजिक्स, केमेस्ट्री, इकोनॉमिक्स, मैथ्स, ह्यूमन रिसोर्सेज सहित कई सब्जेक्ट्स की बुक्स मौजूद हैं, जिससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा हो सकता है।
ऐसे उठा सकते हैं लाभ
मेरठ कॉलेज के प्रो। नीरज कुमार की मानें तो कॉलेज इस वेबसाइट की मेंबरशिप के लिए 5000 रुपए सालाना पे कर रहा है। इस वेबसाइट को यूज करने के लिए यूजरनेम और पासवर्ड प्रोवाइड है। जो हरेक स्टूडेंट्स के लिए है। इस वेबसाइट पर जाकर इसके यूजरनेम में principal_mcm1892@ymail.com है। स्टूडेंट्स me640352 पासवर्ड डालकर  यूज कर सकते हैं। नीरज कुमार बताते हैं कि स्टूडेंट्स इन बुक्स को डाउनलोड भी कर सकता है। बच्चों से इस वेबसाइट को यूज करने के लिए कोई चार्ज नहीं ले रहा है।
ताकि बढ़ सके रिजल्ट
प्रो। नीरज कुमार ने बताया कि इस ऑनलाइन लाइब्रेरी से बच्चों को काफी फायदा होगा। पूरे मेरठ में किसी भी कॉलेज के पास इस तरह की सुविधा नहीं है। अगर बच्चे अपने टॉपिक को विदेशी राइटर्स के बुक्स में पढ़ेंगें तो उनकी नॉलेज और भी ज्यादा वाइड होगी। सबसे अच्छी बात ये है कि स्टूडेंट्स को विदेशी राइटर्स की बुक्स को मार्केट में ढं़ूढने की मशक्कत नहीं उठानी होगी। वो घर में बैठे-बैठे आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं।
डिजिटलाइजेशन की ओर कदम  
जैसे-जैसे मॉर्डन एजुकेशन डिजिटल एजुकेशन की ओर बढ़ रही है। वैसे ही वेस्ट यूपी का सबसे पुराना कॉलेज भी उसी ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। कॉलेज के पिं्रसीपल एनपी सिंह की मानें तो आज का यूथ डिजिटल लैंग्वेज को बेहतर तरीके से समझता है। आज तो मोबाइल फोन्स में लाइब्रेरी मौजूद हैं। ऐसे में हमारा ये कदम स्टूडेंट्स की रफ्तार के साथ मैच करना है।

11 हजार स्टूडेंट्स को होगा फायदा
मेरठ कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट विराट की मानें तो ये कॉलेज का काफी सराहनीय कदम है। ये कॉलेज के करीब 11 हजार स्टूडेंट को फायदा होगा। वैसे कॉलेज में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जो नेट सेवी नहीं है। ऐसे में वो उन स्टूडेंट्स की मदद ले सकते हैं तो डिजिटली थोड़े स्ट्रांग हैं। वहीं मार्केट में कई फॉरेन राइटर्स की बुक्स काफी महंगी है। जो इंटरनेट के थ्रू इस वेबसाइट में मुफ्त में पढऩे को मिलेगी।

"आज का स्टूडेंट्स डिजिटली काफी स्ट्रांग है। वो मोबाइल और लैपटॉप पर हमेशा इंटरनेट से जुड़ा रहता है। इसलिए कॉलेज ने ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधा दी है."
- एनपी सिंह, प्रिंसीपल, मेरठ कॉलेज

Posted By: Inextlive