वांटेड को पकड़ने के लिए जमानतियों पर नजर
-वांटेड बदमाशों तक पहुंचने के लिए जमानतियों का सहारा
-250 वांटेड बदमाश हैं पुलिस के निशाने पर मनोज बेदी आई एक्सक्लूसिव मेरठ : वांटेड चल रहे बदमाशों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए पुलिस उनके जमानतियों की तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अभी इनामी बदमाशों की जमानत देने वालों के आंकड़े जुटाए जा रहे है। उनके सहारे ही बदमाशों की गिरफ्तारी होगी। उन्हें नोटिस देकर जवाब-तलब होगा। बदमाशों का आतंकपश्चिमी उप्र में बदमाशों ने आतंक मचा रखा है। दिनदहाड़े बदमाश लूट, हत्या, चेन स्नैचिंग व अपहरण जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे है। मेरठ में 250 वांटेड बदमाश पुलिस के लिए सिर दर्द बने है। पुलिस ने अब बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए उनके जमानतियों पर सख्ती दिखानी शुरू की है। एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि जितनी भी बड़ी घटनाएं हुई है उनमें बड़े बदमाशों के नाम सामने आए है। यह सभी बदमाश जेल से जमानत पर छूट कर जिले में लूट व हत्या जैसी संगीन वारदातों को अंजाम दे रहे है। अब पुलिस इनकी गिरफ्तारी से पहले बदमाशों को जमानत देने वाले जमानतियों का रिकार्ड एकत्रित कर रही है।
फरार चल रहे बदमाश शिवा हत्याकांड -बीते 11 सितंबर को शिवा हत्याकांड में जो दो बदमाश बदमाश नीटू, आशीष फरार है। पुलिस की जांच में पाया गया है कि यह अभी जेल से जमानत पर छूटे थे। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके जमानतियों का रिकार्ड एकत्रित कर रही है।
पार्षद आरिफ मर्डर केस गौरतलब है कि 9 जुलाई को कोतवाली थाना क्षेत्र के कुरैशियान मस्जिद चौराहे स्थित बेस्ट सेविंग सैलून पर वार्ड 66 का पार्षद आरिफ और उसके साले शादाब उर्फ भूरा की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। फरार नामजद आरोपी जेल से जमानत पर ही बाहर आए थे। सुरेश सर्राफ हत्याकांड गौरतलब है कि 21 जुलाई मवाना में सुरेश सर्राफ की हत्या हो गई थी। जिसमें पांच बदमाशों के नाम सामने आए थे। चार बदमाश सुहैब, अकरम, सलमान, फुरकान अभी फरार है। यह सभी जेल से छूटकर जमानत पर आए थे। अरशम अपहरण कांड - गौरतलब है कि 23 जून पटेल नगर व्यापार संघ अध्यक्ष व प्रापर्टी डीलर इरफान के 15 वर्षीय बेटा अरशम का बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। इस केस में तीन आरोपी फरार है। सभी की धड़पकड़ के लिए पुलिस जमानतियों को ढूंढ रही है। वर्जनजिले में 250 बदमाश वांटेड हैं। सभी की गिरफ्तारी के लिए उनके पुराने रिकार्ड के साथ जमानत देने वालों का भी रिकार्ड एकत्रित किया जा रहा है। जमानतियों से पूछा जा रहा है कि वह बदमाशों को कैसे जानते है। उनके बदमाशों के साथ कैसे संबंध है।
मंजिल सैनी, एसएसपी