सोशल मीडिया पर नाम बदलकर लड़कियों को बनाते हैं निशाना

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के कई मामले आए थे सामने

कई मामलों में तो कलक्ट्रेट के चक्कर काट रहीं पीडि़त महिलाएं

Meerut। लव जेहाद यानी एलजे से शुरू हुआ प्यार या तो मौत के मुकाम पर पहुंचता है या फिर कोर्ट चक्कर लगवाता है। कई लड़कियां मजबूर हो जाती है तो कई बगावत कर देती हैं। एलजे के ज्यादातर मामलों में प्यार का अंत मौत के सच पर जाकर खत्म होता है। एलजे पर रोक लगाने या सीधे शब्दों में कहें कि गैरकानूनी धर्मातरण के खिलाफ तैयार अध्यादेश में मेरठ के तीन मामलों नजीर साबित हुए। प्रस्तावित कानून के ड्रॉफ्ट में प्रिया - कशिश और एकता हत्याकांड के अलावा मेघालय की युवती से रेप की दास्तां को भी शामिल किया गया है। इस ड्रॉफ्ट में मेरठ के मामलों को बेहद जघन्य श्रेणी में रखा गया है। दरअसल, सूत्रों के मुताबिक इसका बड़ा कारण है कि बीते कुछ सालों में ही मेरठ एलजे का हॉट स्पॉट बन चुका है। एलजे के लिए जिले में बकायदा एक खास एचएम यानी हिंदू लड़की को मुस्लिम बनाना, नाम के गैंग को फंडिग करने की बात भी सूत्रों ने पुख्ता की है। इतना ही नहीं, अब एलजे की समस्या म्यांमार, यूके और श्रीलंका में पैर पसार रही है। लद्दाख के बौद्ध भिक्षु भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं।

निक नेम से बनाते निशाना

सूत्रों के मुताबिक एचएम गैंग के मेंबर शहर के अलग-अलग इलाकों में रहते हैं। सभी फर्जी निक नेम यानी बंटी, राहुल, रोहन, विश्वास, अमन, दिनेश, सोनू और अमित आदि नामों से फेसबुक और इंस्टा प्रोफाइल के जरिए लड़कियों से फ्रेंडशिप करते हैं। जब लड़की उन पर विश्वास करने लगती है तो असली खेल शुरू होता है। अब एचएम गैंग के मेंबर शादी के लिए लड़की को प्रपोज करते हैं। वहीं शादी के कुछ दिन बाद जब मेंबर की पोल खुलती है तो वो लड़की पर धर्म-परिवर्तन का दबाव बनाते लगते हैं। जिसके बाद का अंजाम बुरा ही होता है।

फ्रेंडलिस्ट देखकर चुनते हैं लड़कियां

सूत्रों के मुताबिक एचएम गैंग के मेंबर सोशल मीडिया प्लेटफॉ‌र्म्स पर ऐसी लड़कियां चुनते हैं, जिनकी फ्रेंडलिस्ट बामुश्किल 100 के दायरे में हो और फैमिली में कम से कम लोग हों। या फिर ऐसी लड़कियों को चुना जाता है, जो कहीं जॉब करती हैं। अब इन लड़कियों की फैमिली डिटेल जुटाने का काम मेंबर करते हैं। इस दौरान लड़कियों को मोबाइल, डिजाइनर ड्रेसेज समेत महंगे गिफ्ट दिए जाते हैं। वहीं मेंबर को जब ये यकीन हो जाता है खेल उसके फेवर में हैं तो वो लड़की को खुशहाल जिंदगी के ख्वाब दिखाकर शादी के लिए प्रपोज किया जाता है।

हाथ में कलावा

सूत्रों के मुताबिक एचएम गैंग के मेंबर जब लड़की से मिलने जाते हैं तो खासी एहतियात बरतते हैं। जिसके तहत हाथ में कलवा, ब्रांडेड क्लॉथ्स, च्वइंगम चबाना और छोटे बाल आदि। दरअसल, ये सब लड़की से अपनी असलियत छिपाने के लिए किया जाता है। लड़की से बातचीत के दौरान रुक - रूक कर बोलना और धर्म के मुद्दे पर कोई बात न करना भी मेंबर पहचान छुपाने के लिए करते हैं।

मेजल्स का टीका

सूत्रों की मानें तो एचएम गैंग के मेंबर्स महीनों एलजे के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये मेंबर लड़की के सामने अपना धर्म छुपाने के लिए बकायदा मेजल्स का टीका भी हाथ पर लगवाते हैं। जिससे कोई सुबूत बाकी न रहे।

हो रही मोटी फंडिंग

सूत्रों के मुताबिक जिले के ही कुछ मौलवी एचएम गैंग की जड़ों को बढ़ाने का काम गुपचुप तरीके से कर रहे हैं। इतना ही नहीं, गैंग के मेंबर्स को बकायदा लड़कियों को एलजे के जाल में फंसाने के लिए फंडिंग भी करते हैं। वहीं जब लड़की गैंग मेंबर के जाल में फंस जाती है तो उसका निकाह करवाने में ये मौलवी अहम भूमिका निभाते हैं।

ये हैं पांच बड़े मामले

पहला मामला

फेसबुक मैसेंजर पर बना 'अमन'

मेरठ निवासी अनपढ़ शाकिब ने मैसेंजर पर अमन बनकर लव जेहाद के जाल में एक बीकॉम पास युवती को फंसा लिया था। फिर उसने शादी के नाम पर युवती से 25 लाख रुपये और 15 तोला सोना हड़प लिया। इसके बाद ईद से ठीक एक दिन पहले जब युवती को पता चला कि ये अमन नहीं शाकिब है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। झूठी मोहब्बत का राज खुला तो बेरहम शाकिब ने ईद से पहले चांद दिखने वाली रात को ही परिवार और दोस्त के साथ मिलकर युवती का कत्ल कर डाला। शाकिब ने युवती का धड़ और हाथ काटकर अलग कर दिया था।

दूसरा मामला

फेसबुक पर फंसाकर दुबई बुलाया

मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी एक व्यापारी की बेटी को पाकिस्तान के नदीम ने नाम बदलकर फेसबुक के जरिए लव जेहाद में फंसा लिया था। वहीं सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में यह मामला उठाते हुए मेरठ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए थे। सांसद ने कहा था कि युवती को पूर्व निर्धारित योजना के तहत नदीम ने उसका पासपोर्ट बनवाकर वीजा का प्रबंध किया। साथ ही आशंका जताई कि युवती को नदीम दुबई लेकर गया। वहीं पीडि़त पिता ने पीएमओ, विदेश मंत्री, विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री यूपी को ट्वीट कर बेटी को दुबई से बरामद करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद भारत सरकार की कोशिशों के बाद लड़की दुबई से दिल्ली लौटी एयरपोर्ट पर पिता से लिपटकर बोली पापा मुझे माफ करना, मुझे पता नहीं था।

तीसरा मामला

वसीम से बना 'दिनेश'रावत

मेरठ में मुंडाली थाना क्षेत्र के अजराड़ा निवासी युवक ने हापुड़ निवासी एक युवती को पहले पहचान छिपाकर लव जेहाद में फंसाया और फिर दो साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया था। आरोपी युवक वसीम अहमद जहां अपना नाम व अन्य पहचान छिपाकर नौचंदी क्षेत्र के एक अस्पताल में नौकरी करता था। वहीं, आधार कार्ड और अन्य कागजात भी फर्जी तरीके से बनवा लिए थे। आरोपी ने दुष्कर्म पीडि़ता के वीडियो व फोटो भी वायरल कर दिए थे। पीडि़ता की तहरीर पर मुंडाली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। मुंडाली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया था कि युवक पहले से शादीशुदा है। उसके दो बच्चे भी हैं। युवक की फेसबुक पर आईडी दिनेश रावत के नाम से थी। इतना ही नहीं, एलजे के झांसे में लड़कियों को फंसाने के लिए वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बकायदा एक अस्पताल में नर्सिग स्टाफ की नौकरी भी करता था।

चौथा मामला

कंपनी में 'सोनू' के नाम का जाल

मेरठ जनपद में लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी फैसल ने अपना नाम व अन्य पहचान छिपाकर पहले बुलंदशहर निवासी दिल्ली में जॉब करने वाली युवती को झांसे में लिया था। दरअसल, फैसल नाम व अन्य पहचान छिपाकर सोनू के नाम से लड़की के साथ ही कंपनी में नौकरी करता था। जहां आरोपी युवक ने युवती को झांसे में ले लिया था। आरोपी फैसल युवती को बहला-फुसलाकर ईद पर अपने साथ घर लाया तो युवती को उसकी असलियत की भनक लगी। जिसके बाद युवती ने विरोध किया। आरोपी ने युवती की बेरहमी से पिटाई की और उसका शोषण किया। आरोपी ने युवती को कई दिन तक बंधक बनाकर कमरे में रखा था। कोतवाली पुलिस ने फैसल निवासी लिसाड़ी गेट को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।

पांचवां मामला

'अमित' बन प्रिया को छला

मेरठ के परतापुर में दूसरे समुदाय के शादीशुदा युवक ने एक महिला से पहले धर्म छिपाकर दोस्ती की और फिर दुष्कर्म के बाद शादी कर ली। इसका भेद खुलने पर आरोपी ने अपने साले के साथ मिलकर मां-बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव बेडरूम में ही गढ्डा खोदकर दबा दिए। 115 दिनों बाद बुधवार को पुलिस ने फर्श तुड़वाकर दोनों के कंकाल बरामद किए। पुलिस के अनुसार बिहार निवासी शमशाद भूड़बराल नई बस्ती में प्रिया और उसकी बेटी कशिश के साथ रहता था। करीब पांच साल पहले शमशाद ने खुद को अमित गुर्जर बताकर प्रिया से दोस्ती की थी। 28 मार्च 2020 को शमशाद ने अपने साले के साथ मिलकर मां-बेटी की हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी शमशाद को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

Posted By: Inextlive