24 घंटे कोई भी कंट्रोल रूम से देख सकेगा किस नाले और नदी में गिर रहा है कारखानों का दूषित पानी

Meerut। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में बने कंट्रोल रूम की निगरानी लखनऊ मुख्यालय से भी होगी। कंट्रोल रूम करीब दस दिन में बनकर तैयार होगा। फिलहाल रंगाई और पुताई का कार्य चल रहा है। कंट्रोल रूम में लगी विशाल एलईडी के सिस्टम से तमाम इंडस्ट्रीज में लगे सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हो जाएंगे। जिसके बाद कोई भी कंट्रोल रूम और लखनऊ में बैठे अधिकारी देख सकेंगे कि आखिर किस कारखाने का दूषित पानी नाले और नदियों में पहुंच रहा है।

कारखानों पर नजर

मोदीपुरम स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा। योगेंद्र कुमार ने बताया कि क्लीन गंगा के तहत सरकार के आदेश पर कंट्रोल रूम को तैयार किया जा रहा है। कंट्रोल रूम उन कारखानों पर नजर रखेगा, जिनका दूषित पानी नालों में बहकर गंगा में जाकर शुद्ध जल में मिलता है। कंट्रोल रूम में बैठकर बड़ी स्क्रीन में देखने के बाद आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किस कारखाने से दूषित पानी बहने के अलावा वायु प्रदूषण फैल रहा है। अब तक इंडस्ट्रीज संचालक अपने स्तर से गलतियों को छिपाने का कार्य कर रहे थे, मगर कंट्रोल रूम इसे पूरी तरह से पारदर्शिता बनाकर काम करेगा। इंडस्ट्रीज की जरा भी गलती पकड़ी गई तो निश्चित ही उस पर जुर्माना के साथ सील करने की कार्रवाई भी लखनऊ मुख्यालय से कराई जाएगी।

होगी तैनाती

लखनऊ मुख्यालय के अधिकारी भी मेरठ कंट्रोल रूम के पासवर्ड से पूरी पिक्चर अपने कंट्रोल रूम के स्क्रीन पर देख सकते हैं। 24 घंटे वाले कंट्रोल रूम में एक सहायक, एक कंप्यूटर ऑपरेटर और एक जेआरएफ की तैनाती होगी। कंट्रोल रूम का इंचार्ज जेई एसपी सिंह को बनाया गया है।

Posted By: Inextlive