Meerut : मेरठ रेस कोर्स में राष्ट्रीय स्तर की घुड़दौड़ का आयोजन लगातार होता रहे इसके लिए रेस कोर्स ने अपनी पूरी तरह से कमर कस ली है. रेस कोर्स में विदेशी नस्ल के कुल 13 थॉरोब्रिड घोड़े पहुंच चुके हैं. कुछ ही दिनों में छह और घोड़े यहां पहुंच जाएंगे.


सप्ताह में एक दिन होगी रेसथॉरोब्रिड घोड़ों की खेप पहुंचने पर जायजा लेने रेस क्लब के संरक्षक और वेस्ट यूपी सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल वीके यादव गुरुवार को एक-एक घोड़े से वाकिफ हुए। उन्होंने रेस क्लब का संचालक रिटायर कर्नल कमर खान को निर्देश दिए कि सभी घोड़ों को रेस के लिए फिट रखा जाए। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को रेस आयोजित करना है। एक दिन में दो रेस आयोजित कराई जाएगी। शुरुआत में यह सामान्य रेस होगी, बाद में बेटिंग भी शुरू कर दी जाएगी। इन रेसों का लुत्फ आम शहरी भी उठा सकेगा।रेस के लिए चाहिए छह घोड़े


बड़े क्लबों में तो दो-तीन घोड़ों से भी रेस हो जाती है, लेकिन मेरठ जैसे रेस कोर्स में थॉरो ब्रिड की रेस के लिए कम से कम छह घोड़ों का होना जरूरी है। थॉरो ब्रिड घोड़ों की नस्ल नाम है। यह हॉर्स रेस के लिए उम्दा किस्म मानी जाती है। इन घोड़ों के इलाज और रखरखाव की काउंसिलिंग का जिम्मा सेना की सीएमवीएल को दिया गया है।अप्रैल में पहुंचे थॉरो ब्रिड के घोड़ेनाम             उम्र शुभ              आठमास्टर ब्लास्टर    आठमास्टर राइट       आठमास्टर चाइल्ड     दोब्लिस             दसप्रिंसेज             नौन्यू फिली         तीन

ये आए थे जनवरी में का चिंग         आठ वर्षमास्टर मैन         आठ'हम मेरठ रेस क्लब को बेहतरीन रेस क्लब के तौर पर डेवलप करना चाहते हैं। यहां रेगुलर शुक्रवार को दौड़ हो और जनता घुड़दौड़ का लुत्फ उठा सके.'- मेजर जनरल वीके यादव, संरक्षक, मेरठ रेस क्लब

Posted By: Inextlive