ट्विटर पर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग, बुधवार को जारी रहा कार्य बहिष्कार

Meerut। स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस इंटर्न का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा। यही नहीं इंटर्न ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर भी मोर्चा खोल दिया है। इंट‌र्न्स ने इस संबंध में सीएम समेत कई अधिकारियों को टैग कर अपनी मांग उठाई है। इस दौरान इंटर्नशिप कर रहे करीब 145 स्टूडेंट्स विरोध पर उतर आए हैं। हालांकि इंटर्न की रुकी हुई सेलेरी भी बुधवार को रिलीज हो गई।

सीडीओ ने की बात

सेलरी मिलने के बावजूद ड्यूटी पर नहीं लौटे। वहीं एमबीबीएस इंटर्न की ओर से उठाई गई मांग के ट्वीटर पर वायरल होने के बाद बुधवार को सीडीओ ईशा दुहन और एसडीएम दोपहर को उनसे बात करने भी पहुंचे। इस दौरान सीएमएस डॉ। धीरज बालियान, प्रिंसिपल डॉ। एसके गर्ग समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। बातचीत के दौरान इंटर्न का कहना था पिछले 10 साल से 7500 रुपये के स्टाइपेंड पर ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार मांग उठाने के बाद भी सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की है। ऐसे में जब तक सरकार की ओर से आश्वासन नहीं आता, तब तक उनका कार्य बिहष्कार जारी रहेगा।

सेवाओं पर पड़ रहा असर

एमबीबीएस इंटर्न के कार्य बिहष्कार करने की वजह से कई सेवाओं पर असर पड़ रहा है। मेडिकल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इंटर्न की ड्यूटी नॉन-कोविड में लगाई गई है। हालांकि बच्चा वॉर्ड, ट्रूनेट जांच, पीकू, एसएनसीयू समेत कई जगह स्टूडेंट्स की ड्यूटी लगी है।

स्टूडेंट्स की मांग

एमबीबीएस स्टूडेंट्स का कहना है कि वह 7500 रूपये महीने पर काम कर रहे हैं। इस दौरान 8 से 12 घंटे तक ट्रायज एरिया, फ्लू ओपीडी, इमरजेंसी, होल्डिंग एरिया, ट्रनॉट लैब में भी ड्यूटी कर रहे हैं। इसके बदले में सरकार 250 रूपये प्रतिदिन देती है, जबकि सेंट्रल गवर्मेट में 30 हजार रुपये महीना देती है। यूपी सरकार की ओर से इस संबंध में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पीयूष शर्मा ने बताया कि जब तक सरकार उनको आश्वासन नहीं देती, बहिष्कार जारी रहेगा।

इंटर्न की सेलेरी आ गई है। हमने उनको काफी समझाने का प्रयास किया है। अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी नोटिस दिया गया है। अगर इंटर्न काम पर नहीं आएंगे, अटेंडेंस शॉर्ट होगी तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एसके गर्ग, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive