मेडिकल कॉलेज की लैब ओवरलोड
माइक्रोबायोलॉजी लैब की क्षमता 5 से 6 हजार, रोजाना सैंकड़ों सैंपल पेंडिंग
रोजाना करीब 8 हजार कोरोना सैंपल्स की हो रही जांच 3 से 4 दिन में आ रही रिपोर्ट, इलाज न मिल पाने से मरीज परेशान Meerut। कोरोना वायरस की दूसरी वेव तेजी से संक्रमण फैला रही है। इसकी मजबूत होती चेन के पीछे बड़ा कारण टेस्टिंग में देरी है। लैब से रिपोर्ट आने में ही तीन से चार दिन लग जा रहे हैं। रिपोर्ट आने में लंबा समय लगने की वजह से मरीजों की हालत बिगड़ने के साथ ही संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। स्थिति ये है कि माइक्रोबायोलॉजी लैब में हर दिन डेढ से दो हजार सैंपल पेंडिंग में चल रहे हैं। नहीं मिलता इलाजकोरोना सस्पेक्टड मरीजों को रिपोर्ट से पहले इलाज नहीं मिल रहा है। वहीं रिपोर्ट के इंतजार में मरीज न तो अपना पूरा इलाज शुरू करवा पा रहे हैँ और न ही आइसोलेशन मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों की जिंदगी संकट में आने लगी है। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीज को तुरंत इलाज मिलना जरूरी है क्योंकि वायरस 24 घंटे में फेफड़ों में जबरदस्त संक्रमण पैदा कर दे रहा है।
ओवरलोड हुई लैबकोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मरीज और कांटेक्ट्स का दायरा बढने से माइक्रोबॉयोलॉजी लैब भी ओवरलोड होने लगी है। स्थिति ये है कि लैब में 24 घंटे काम चल रहा है। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब के एचओडी डॉ। अमित गर्ग बताते हैं कि जिले में कोरोना संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच के लिए सरकारी लैब एक ही हैं। यहां भी चार जिलों के सैंपल टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। तीन मशीनों से 12 लोगों का स्टाफ 24 घंटे टेस्टिंग का काम कर रहा है। एक मशीन से एक बार में 96 सैंपल्स की जांच होती है। वहीं इस प्रक्रिया में करीब 2 घंटे लगते है। लैब की क्षमता 5 से 6 हजार सैंपल्स की हैं जबकि 8 हजार तक सैंपल्स की जांच की जा रही है। लैब में लगभग दो हजार तक सैंपल पेंडिंग हो रहे हैं।
ये हैं जिले के आंकड़े दिन- सैंपल भेजे गए- सैंपल जांचें गए 10 अप्रैल- 7398-7274 11 अप्रैल-5464-4828 12 अप्रैल-7190-8228 13 अप्रैल-8036-7312 14 अप्रैल-8161-6969 15 अप्रैल-9817-9345 16 अप्रैल-9219-8114 17 अप्रैल-10013-8114 ऐसे करें बचावएलएलआरएम कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ। टीवीएस आर्या बताते हैं कि अगर व्यक्ति को जरा भी कोरोना के लक्षण महसूस होते हैं तो तत्काल खुद को अलग कर लें। जांच करवाएं और जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना डॉक्टर से संपर्क कर प्राइमरी ट्रीटमेंट शुरू कर दे। निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी अगर लक्षण हैं तब गंभीरता से इलाज करवाए।
इन नियमों का पालन जरूरी बाहर निकलने के दौरान मास्क जरूर लगाएं दो गज दूरी का पालन करें हाथों को लगातार धोते रहें गर्म पानी पिएं, काढ़ा पिएं इनका है कहना कोरोना सस्पेक्टेड होने पर लापरवाही न करें। तुरंत खुद को आइसोलेट करें। किसी के संपर्क में न आएं। डॉ। अखिलेश मोहन, सीएमओ, मेरठ