आशीष की हत्या का आरोपी है मीनू, मेडिकल कराने जिला अस्पताल ले जा रही थी पुलिस

दरोगा की पिस्टल छीनकर जीप से कूद भागा आरोपी, पुलिस पर की फायरिंग

पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा, पैर में लगी गोली, जिला अस्पताल में भर्ती

Meerut। पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ने वाले आशीष प्रकरण में मुख्य आरोपी मीनू टिमकिया पुलिस मुठभेड़ में पैर में गोली लगने से घायल हो गया। वह अस्पताल जाते समय दारोगा की पिस्टल छीनकर जीप से कूदकर भागा था। उसका पुलिस कस्टडी में जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

ये है मामला

सोमवार शाम नेक गांव निवासी आशीष उर्फ सोनू ने अपने साथी अंकुर व सौरभ के साथ मिलकर गांव के पास मीनू टिमकिया पर हमला किया था। आशीष व उसके साथियों पर जानी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मीनू अपने चार साथियों के साथ आशीष को उसके गांव से उठाकर टिमकिया गांव ले गया था। आशीष की जमकर पिटाई करने के बाद मीनू ने घायल अवस्था में उसे जानी पुलिस को सौंप दिया था। मेडिकल कराने के बजाए पुलिस ने आशीष को हवालात में डाल दिया था। तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने आशीष को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मीनू और उसके साथियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया था।

पुलिस पर फायरिंग

बुधवार को मेडिकल कराने के लिए पुलिस मीनू को जिला अस्पताल लेकर जा रही थी। बाफर गांव की पुलिया के पास पुलिस की जीप धीमी पड़ने पर मीनू दरोगा की पिस्टल छीन कर भागने लगा। घेराबंदी के दौरान मीनू ने पुलिस पर फाय¨रग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने से मीनू घायल हो गया। इंस्पेक्टर संजय वर्मा का कहना है कि मीनू शातिर है। आशीष और मीनू की पहले से ही रंजिश चल रही थी।

पुलिस की बड़ी चूक

जानलेवा हमले के मामले में पुलिस अगर आशीष को पकड़कर समय से कार्रवाई करती तो मीनू उस पर हमला ही नहीं कर पाता। पुलिस ने आशीष को हवालात में डालकर खानापूर्ति कर ली। यदि समय से पुलिस आशीष का इलाज करा देती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। आशीष के परिजनों ने भी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि आशीष की मौत की जांच की जा रही है।

Posted By: Inextlive